ईरान-इजरायल संघर्ष का असर : बासमती चावल निर्यातकों ने भुगतान संकट और कीमतों के गिरने की दी चेतावनी
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष का असर भारत के बासमती चावल व्यापार पर पड़ने लगा है। रविवार को निर्यातकों ने चेतावनी दी कि यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो भुगतान संकट उत्पन्न हो सकता है और चावलों की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है।
तिल्ली बाजार में भारी गिरावट: ₹150 से ₹85 प्रति किलो पर लुढ़के भाव, व्यापारियों की बढ़ी चिंता
सफेद तिल्ली के थोक भाव ₹150 से गिरकर ₹80-85 प्रति किलो हो गए हैं, जिससे व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है। इसका मुख्य कारण कमजोर निर्यात मांग, देश में अधिक उत्पादन और अफ्रीकी देशों से सस्ते आयातित तिल्ली का भारी स्टॉक है। फिलहाल बाजार में तेजी के आसार नहीं हैं।
एक माह में 250 रुपए महंगी हुई बिनौला खल: बढ़ती मांग और कम आपूर्ति बनी वजह
जयपुर मंडी में बिनौला खल की कीमतें एक माह में ₹250/क्विंटल बढ़कर ₹3850-₹4200 पर पहुंच गईं, जिसका कारण बढ़ती पशुचारा मांग और कपास की कम उपलब्धता है। अनुमान है कि 73 लाख टन मांग के मुकाबले 66 लाख टन ही उत्पादन होगा, जिससे कीमतें बढ़ेंगी। इसके विपरीत, लाल तिल पपड़ी और डली की कीमतें 15 साल के निचले स्तर पर आ गई हैं (पपड़ी ₹2100/क्विंटल), अधिक उत्पादन और कमजोर मांग के कारण।
टाटा पंच और नेक्सन बनीं कंपनी की रीढ़: मई में दिया 60 प्रतिशत बिक्री का योगदान
मई 2025 में टाटा मोटर्स की कुल बिक्री 11% गिरी, लेकिन पंच और नेक्सन ने कुल बिक्री का 60% (26,000+ यूनिट्स) योगदान दिया। टाटा पंच की 13,133 यूनिट्स बिकीं, जबकि नेक्सन ने 13,096 यूनिट्स के साथ 14% की वृद्धि दर्ज की। मल्टी-फ्यूल विकल्पों और उच्च सुरक्षा रेटिंग के कारण ये दोनों SUV कंपनी की बिक्री की रीढ़ बनी हुई हैं, जो ग्राहकों के मजबूत भरोसे को दर्शाती हैं।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की बैठक में दाल मिल एसोसिएशन ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की एक बैठक में ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने 2026-27 रबी फसलों की मूल्य नीति पर सुझाव दिए, जिसमें किसानों के लिए MSP बढ़ाना, दालों के आयात पर ड्यूटी लगाना, गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराना, मंडी शुल्क को पूरे भारत में एकसमान 0.50% करना, और नेफेड द्वारा खरीदी गई उपज को एक साल के भीतर बेचना शामिल है, ताकि किसानों और घरेलू उद्योग को समर्थन मिल सके ।
मध्य प्रदेश में तुअर दाल पर मंडी शुल्क समाप्त, दाल उद्योग को मिलेगी राहत
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के बाहर से प्रसंस्करण हेतु मंगाई जाने वाली तुअर (अरहर) पर मंडी शुल्क पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। यह निर्णय 10 जून, 2025 को मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा लिया गया। इस छूट से मध्य प्रदेश की दाल मिलों को प्रतिस्पर्धा में मदद मिलेगी, दालों का उत्पादन बढ़ेगा, और उपभोक्ताओं को सस्ती तुअर दाल उपलब्ध होगी। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन (AIDMA) ने इस कदम का स्वागत किया है, हालांकि चना, उड़द, मसूर और मूंग पर भी मंडी शुल्क समाप्त करने का अनुरोध किया है।
भारत की तेज जीडीपी वृद्धि का असर, कंपनियों और एलएलपी का पंजीकरण 37 प्रतिशत तक बढ़ा
जीडीपी में तेज वृद्धि के कारण देश में मई में कंपनियों और एलएलपी के पंजीकरण में 37 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है।