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Commodities News
सब्जियों की महंगाई से राहत नहीं, 2 माह में आलू के दाम दोगुने
कोरोना महामारी के चलते आर्थिक बदहाली से जूझ रहे आम उपभोक्ताओं पर अब महंगाई की भी मार पड़ रही है। खासतौर से...
सोना 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे, चांदी भी टूटी
कोरोना के टीके रूस में बनाए जाने की खबर के बाद सोने और चांदी में भारी गिरावट आने लगी है। घरेलू वायदा बाजार में सोना...
फीकी पड़ी सोने की चमक, चांदी भी लुढ़की
रूस में कोरोना वैक्सीन यानी टीका तैयार होने की खबर से सोने और चांदी की चमक फीकी पड़ गई है। सोना...
MCX पर 74000 रुपये प्रति किलो से ऊपर उछली चांदी, 55500 प्रति 10 ग्राम पर सोना
अमेरिकी डॉलर में कमजोरी से सोने और चांदी में खूब निखार आई है। सोना लगातार शिखर पर चढ़ता जा रहा है और चांदी की भी चमक रोज...
चांदी 70000 रुपये प्रति किलो के ऊपर, रिकॉर्ड स्तर पर सोना
घरेलू वायदा बाजार में चांदी 2011 के बाद एक बार फिर 70,000 रुपये प्रति किलो के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर तक उछली और...
सोना 2000 डॉलर प्रति औंस के पार, भारत में 54000 रुपये प्रति 10 ग्राम
कोरोना के कारण चमके सोने ने 2000 डॉलर प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ दिया। वहीं, घरेलू बाजार में सोना 54000...
खाद्य तेल आयात कोटा पर 2 उद्योग संगठन आमने-सामने
कोरोना काल में खाद्य तेल की खपत घटने के बावजूद बीते दो महीने में खाने के तमाम तेलों के दाम बढ़ गए हैं। लेकिन घरेलू...
सोना इस सप्ताह तोड़ेगा 2000 डॉलर प्रति औंस का स्तर!
सोना में बीते दो सप्ताह के दौरान जबरदस्त तेजी देखी गई और आगे भी मजबूती की संभावना बनी हुई है क्योंकि कोरोना के गहराते...
आलू का उत्पादन ज्यादा होने पर भी बढ़ रहे दाम
सब्जियों में सबसे ज्यादा उपभोग होने वाला आलू का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा होने के बावजूद लगातार दाम में इजाफा हो...
देश में 53 हजारी हुआ सोना, लगातार 9वें सत्र में तेजी जारी
घरेलू वायदा बाजार में सोने का भाव 53000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार फिर एक नई ऊंचाई पर चला गया। पीली धातु में लगातार...
2020 में सोना 2020 डॉलर प्रति औंस को तोड़ रचेगा इतिहास!
वैश्विक बाजार में सोना 1981 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चला गया है और 2000 डॉलर प्रति औंस के काफी करीब है। कोरोना संकट काल में...
बिना हॉलमार्क के सोने के गहने पर पाबंदी अब अगले साल जून से
बिना हॉलमार्क के सोने के गहने व कलाकृतियों की बिक्री के लिए आभूषण कारोबारियों को सरकार ने थोड़ी राहत दी...
सोना ने बनाया नया रिकॉर्ड, एमसीएक्स पर 52000 रुपये के करीब भाव
सोना ने पिछला सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वैश्विक बाजार में बुलियन में आई उछाल के बाद घरेलू वायदा बाजार में सोने का भाव...
घरेलू वायदा बाजार में 50 हजारी हुआ सोना, चांदी 61000 रुपये से ऊपर
भारत में बुधवार को लाखों यूजर्स का माइक्रोसॉफ्ट का कम्यूनिकेशन टूल टीम्स डाउन हो गया, जिस कारण कोविड-19 महामारी के...
एमसीएक्स पर रिकॉर्ड 60000 रुपये प्रति किलो हुई चांदी, सोना भी नई उंचाई पर
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी में आई जोरदार तेजी से संकेत पाकर भारतीय वायदा बाजार में बुधवार को दोनों महंगी धातुओं की कीमतें...
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जीएसटी सुधारों के कारण वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी : रिपोर्ट
जीएसटी सुधारों से 3 किलोवाट के रूफटॉप सोलर सिस्टम की कीमत में आएगी 10,500 रुपए तक की कमी
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
डा. रत्नेश लाल आईडीएसए के चेयरमैन, अपराजिता सरकार वाईस चेयरमैन निर्वाचित
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