business.khaskhabar.com
khaskhabar.com
aapkisaheli.com
astrosaathi.com
ifairer.com
iautoindia.com
Business News
Home
Business
Gadget
Market
Automobile
Commodities
Home
// Commodities News
Commodities News
सोना का कोरोना कनेक्शन : वैक्सीन की प्रगति से फिर फीकी पड़ी पीली धातु की चमक
महंगे प्याज से दिसंबर तक राहत मिलने के आसार कम, आलू के भाव गिरे
विदेशों से प्याज का आयात कमजोर पड़ जाने से दाम में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है जबकि राजस्थान से लोकल प्याज...
क्यों पैदा हुआ देश में प्याज का संकट, पिछले साल से ज्यादा हुआ निर्यात
देश में प्याज का उत्पादन फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में पिछले साल से 17 फीसदी ज्यादा होने पर भी घरेलू आपूर्ति...
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के संभावित नतीजों से उछला सोना, चांदी भी उछली
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं, लेकिन चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में नतीजे आने की संभावना...
दिल्ली में उतरा नया आलू, दिवाली के बाद दाम घटने की उम्मीद
आलू की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है और अगले सप्ताह से आवक बढ़ सकती है, हालांकि दाम में गिरावट की उम्मीद...
धान की सरकारी खरीद 200 लाख टन के पार
धान की सरकारी खरीद चालू खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में 200 लाख टन के पार हो गया है, जिसमें से सिर्फ पंजाब में...
विदेशी प्याज सस्ती नहीं, घरेलू आवक बढ़ने पर मिलेगी महंगाई से राहत
प्याज पर स्टॉक लिमिट लगने और विदेशी प्याज के देश के बाजार में उतरने से आसमान छूते दाम पर लगाम तो लग गया...
मौसमी सब्जियों के दाम घटे, आलू-प्याज की महंगाई से राहत नहीं
गोभी, मूली, पालक समेत अन्य मौसमी शाक-सब्जियों की आवक बढ़ने से कीमतों में नरमी आई है, लेकिन आलू और प्याज की...
चीनी उत्पादन में दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत, खपत में कई देशों से पीछे
चीनी उत्पादन के मामले में ब्राजील के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है, लेकिन खपत के मामले में यह कई देशों से पीछे...
चिकन, अंडे की बढ़ी मांग, पोल्ट्री इंडस्ट्री में रिकवरी
चिकन और अंडे की मांग बढ़ने से पोल्ट्री इंडस्ट्री का कारोबार तेजी से पटरी पर लौटने लगा है। नवरात्र के समाप्त होने के बाद चिकन...
प्याज के दाम पर लगी लगाम, आयात भी जोर पकड़ा
प्याज के भंडारण की सीमा निर्धारित होने से आसमान छूते दाम पर तत्काल लगाम लग गई है, लेकिन उपभोक्ता को सस्ता...
उप्र में आलू चिप्स के प्लांट लगाएगी पेप्सिको
उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में विकास की गति को तेजी मिल सकती है। दरअसल पेप्सिको ने मथुरा...
दाल के दाम पर कसेगी लगाम! कारोबारी कर रहे तुअर आयात की मांग
तुअर, उड़द, मूंग और चना समेत तमाम दालों के बेलगाम हुए दाम को काबू करने के मकसद से केंद्र सरकार ने सस्ती दरों पर...
त्योहारी सीजन में महंगाई की मार, थम नहीं रहे सब्जियों के दाम
त्योहारी सीजन में सब्जियों की महंगाई ने आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है। आलू, टमाटर और प्याज समेत सभी...
महंगे आलू से राहत मिलने के आसार नहीं, नवरात्र में बढ़ेगी खपत
बरसात का सीजन खत्म होने के बाद शाक-सब्जियों की नई फसल की आवक बढ़ने के साथ तमाम सब्जियों की कीमतों में थोड़ी...
previous
1
2
...
34
35
36
37
38
39
40
...
74
75
next
Headlines
जीएसटी सुधारों के कारण वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी : रिपोर्ट
जीएसटी सुधारों से 3 किलोवाट के रूफटॉप सोलर सिस्टम की कीमत में आएगी 10,500 रुपए तक की कमी
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
डा. रत्नेश लाल आईडीएसए के चेयरमैन, अपराजिता सरकार वाईस चेयरमैन निर्वाचित
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने के बीच दो सप्ताह बाद रुपया 88 के नीचे मजबूत खुला
भारत की MSME आधारित प्रिंटिंग, ब्रांडिंग और साइनेज इंडस्ट्री, मीडिया एक्सपो नई दिल्ली 2025 में दिखाएगी इनोवेशन का जलवा
यह भी पढ़े
ब्वॉयफ्रेंड ने दिया धोखा: घर बेचा, नौकरी छोड फिर...
फिल्म इंडस्ट्री में सेक्स रैकेट का धंधा पांव पसारता जा रहा है,फंसी ये 11 एक्ट्रेस
बूझो तो जाने,ये चेहरा बच्ची का या बूढी का...
पर्स में पैसा नहीं टिकता तो करें ये सरल उपाय
व्यापार में सफलता के अचूक उपाय
अनूठा कारनामा, महिला ने बालों से बनाया कोट
Home
I
About Us
I
Contact
I
Advertise with us
I
Privacy Policy
I
Terms & Condition
I
Disclaimer
Copyright © 2025 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved