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Commodities News
रबी फसलों की महज 35 फीसदी कटाई बाकी, सरसों पूरा घर ले गए किसान
देशभर में तमाम रबी फसलों की 65 फीसदी से ज्यादा कटाई पूरी हो चुकी है और खेतों में कटाई के लिए महज 35 फीसदी...
पंजाब में गेहूं खरीद के लिए आरबीआई ने 21,658 करोड़ रुपये की मंजूरी दी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को पंजाब में गेहूं की खरीद के लिए अप्रैल तक कैश क्रेडिट लिमिट (सीसीएल) के...
बीते 15 दिनों में हुई 78392 टन गेहूं की सरकारी खरीद
रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2021-22 का गुरुवार को आगाज के साथ देशभर में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हुई....
देश में चीनी का उत्पादन 31 मार्च तक 19 फीसदी बढ़कर 277.57 लाख टन हुआ : इस्मा
चीनी का उत्पादन चालू गन्ना पेराई सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 31 मार्च तक पिछले साल से 19 फीसदी...
वित्त वर्ष 2021-22 में 11.5 लाख टन दलहन का आयात संभव, दाल के दाम पर लगेगी लगाम
भारत आगामी वित्त वर्ष 2021-22 में प्रमुख दलहन तुअर, मूंग और उड़द का 11.5 लाख टन तक आयात कर सकता है, जिससे...
आलू के दाम में भारी गिरावट, किसानों के लिए लागत निकलना भी हुआ मुश्किल
आलू के दाम में भारी गिरावट आने से किसानों के लिए लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है। आलू पिछले साल के...
देश के 1 करोड़ से ज्यादा किसानों से सरकार ने खरीदा 683 लाख टन धान : खाद्य मंत्रालय
चालू खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में देश के एक करोड़ से ज्यादा किसानों से सरकारी एजेंसियां अब तक 683 लाख...
चीनी मिलों पर गन्ने के दाम का बकाया करीब 20,000 करोड़, यूपी में सबसे ज्यादा
देश की चीनी मिलों पर गन्ने के दाम का बकाया फिर बढ़कर करीब 20,000 करोड़ रुपये हो गया है और इसमें सबसे ज्यादा...
सर्दी समाप्त होते ही बढ़ने लगे आलू, गोभी के दाम, सब्जियों की महंगाई से फिलहाल राहत नहीं
सर्दी का सीजन समाप्त होने के साथ आलू और गोभी समेत सीजन की अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने लगे हैं। वहीं...
दाम घटने से विदेशों में बढ़ी भारतीय प्याज की मांग, निर्यात में इजाफा
प्याज की महंगाई से पिछले महीने तक देश के उपभोक्ता परेशान थे, लेकिन अब रबी सीजन की फसल की आवक बढ़ने पर...
पुराना चावल अब एफसीआई को सप्लाई नहीं कर पाएंगी मिलें, घालमेल पर कसेगी नकेल
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों को वितरित चावल अब किसी भी प्रकार से वापस सरकारी एजेंसियों के...
वैश्विक बाजार में चीनी का दाम बढ़ने से निर्यात में जोरदार इजाफा, 39 लाख टन के हुए सौदे
भारत ने चालू सीजन में अब तक 39 लाख टन चीनी निर्यात करने के सौदे कर लिए हैं जो कि मिलों को आवंटित 60 लाख टन कोटे...
प्याज की बंपर फसल, रिकॉर्ड 2 लाख टन बफर स्टॉक बनाएगी सरकार
प्याज की महंगाई अब इस साल देश के उपभोक्ताओं के जेब मे सुराग नहीं बना पाएगी, क्योंकि प्याज की बंपर पैदावार है...
बीते 5 महीने में पिछले साल से 20 फीसदी बढ़ा चीनी उत्पादन
देश में चीनी का उत्पादन चालू सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के आरंभिक पांच महीने के दौरान पिछले साल के मुकाबले...
प्याज के दाम पर 15 दिन बाद ही लग पाएगी लगाम, मार्च में उतरेगी रबी फसल
प्याज का दाम फिर आसमान चढ़ गया है। देश की राजधानी दिल्ली और आसमपास के इलाके में प्याज का खुदरा भाव...
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जीएसटी सुधारों के कारण वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी : रिपोर्ट
जीएसटी सुधारों से 3 किलोवाट के रूफटॉप सोलर सिस्टम की कीमत में आएगी 10,500 रुपए तक की कमी
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
डा. रत्नेश लाल आईडीएसए के चेयरमैन, अपराजिता सरकार वाईस चेयरमैन निर्वाचित
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने के बीच दो सप्ताह बाद रुपया 88 के नीचे मजबूत खुला
भारत की MSME आधारित प्रिंटिंग, ब्रांडिंग और साइनेज इंडस्ट्री, मीडिया एक्सपो नई दिल्ली 2025 में दिखाएगी इनोवेशन का जलवा
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