थोक महंगाई दर में नकारात्मक वृद्धि,घटेंगी ब्याज दरें!
Source : business.khaskhabar.com | Feb 16, 2015 | 

नई दिल्ली। देश की थोक महंगाई दर जनवरी 2015 में नकारात्मक 0.39 फीसदी रही। यह जानकारी सोमवार को जारी सरकारी आंकडों से मिली। एक साल पहले समान अवधि में महंगाई दर 5.11 फीसदी थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर दिसंबर 2014 में 0.11 फीसदी दर्ज की गई थी। नवंबर 2014 में यह दर शून्य (नकारात्मक 0.17 फीसदी) थी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकडों के मुताबिक ईंधन और बिजली मूल्यों में गिरावट के कारण थोक महंगाई दर नकारात्मक रही।
ईंधन और बिजली महंगाई दर में आलोच्य अवधि में 10.69 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि रही जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 9.82 फीसदी की वृद्धि हुई थी। इस दौरान एलपीजी की कीमतें 7.65 फीसदी घटी। पेट्रोल 17.08 फीसदी सस्ता हुआ और डीजल 10.41 फीसदी सस्ता हुआ।
खाद्य महंगाई दर आठ फीसदी रही, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह दर 8.85 फीसदी थी। गेहूं, प्याज, अंडा, मछली और मांस सस्ता हुए। गेहूं 1.63 फीसदी सस्ता हुआ, जो एक साल पहले 6.79 फीसदी महंगा हो गया था। आलू 2.11 फीसदी महंगा हुआ, जो एक साल पहले 16 फीसदी महंगा हुआ था। प्याज 1.90 फीसदी सस्ता हुआ जो एक साल पहले 0.47 फीसदी महंगा हुआ था। अंडा, मछली और मांस 1.51 फीसदी सस्ता हुए, जो एक साल पहले 12.12 फीसदी महंगा हो गए थे। सब्जियों की कीमतें हालांकि 19.74 फीसदी बढ़ गई। अनाज की कीमतें 1.65 फीसदी बढी। चावल चार फीसदी महंगा हुआ। विनिर्मित वस्तुओं में महंगाई दर बढकर 1.05 फीसदी हो गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 2.96 फीसदी थी।
थोक मूल्य में जहां गिरावट दर्ज की गई है, वहीं गौरतलब है कि उपभोक्ता महंगाई दर में वृद्धि दर्ज की गई है। जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर 5.11 फीसदी रही। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जनवरी में उपभोक्ता महंगाई दर की गणना नए आधार वर्ष 2012 के आधार पर की है। इसमें ऊंची खाद्य महंगाई के कारण वृद्धि दर्ज की गई। उपभोक्ता महंगाई दर के आधार पर मापी जाने वाली उपभोक्ता महंगाई दर के दिसंबर 2014 के आंक़डे की भी फिर से गणना की गई और संशोधित दर 4.28 फीसदी रही। 2010 आधार वर्ष के आधार पर सीपीआई पर आधारित उपभोक्ता महंगाई दर पहले 5 फीसदी दर्ज की गई थी। उपभोक्ता खाद्य महंगाई दर जनवरी में 6.13 फीसदी रही। मौजूदा थोक और उपभोक्ता महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक को मुख्य दरों में कटौती के लिए प्रेरित कर सकती है। रिजर्व बैंक ने जनवरी 2015 तक आठ फीसदी उपभोक्ता महंगाई दर और जनवरी 2016 तक छह फीसदी उपभोक्ता महंगाई दर का लक्ष्य रखा है।