युद्ध विराम की घोषणा के बाद भारतीय चावल व्यापारियों को मिली राहत
Source : business.khaskhabar.com | Jun 26, 2025 | 
-सूरजपोल मंडी में 1121 गोल्डन सेला 5 रुपए उछलकर 85 रुपए प्रति किलो
जयपुर। ईरान एवं इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा से भारत के चावल व्यापारी भी अब राहत की सांस लेते नजर आ रहे हैं। बीते एक हफ्ते से ज्यादा चले इस युद्ध ने भारत के चावल निर्यात बाजार की लगभग कमर तोड़ के रख दी थी। ज्ञात हो भारत से चार लाख टन से ज्यादा बासमती राइस ईरान को निर्यात किया जाता है। वर्ष 2024-25 वित्तीय वर्ष के दौरान भारत ने ईरान को करीब छह लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था। युद्ध के चलते देश भर के चावल व्यापारियों के सामने भारी संकट खड़ा हो गया था। स्थानीय सूरजपोल मंडी स्थित फर्म जगदीश नारायण रतनलाल सिंघल एंड संस के मनोज सिंघल ने कहा कि युद्ध के दौरान एक सप्ताह पहले जयपुर मंडी में 1121 गोल्डन सेला चावल के भाव घटकर 80 रुपए प्रति किलो पर आ गए थे, लेकिन अब ईरान इजरायल के युद्ध पर विराम लगने से फिर से इसके भाव उछलकर 84 से 85 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं।
भारत के चावल बाजार पर युद्ध का असर
घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतें 5 रुपए प्रति किलो तक गिर गई।
संघर्ष के कारण ईरान को भेजे जाने वाले बासमती चावल के शिपमेंट बंदरगाहों पर अटके हुए हैं।
करीब एक लाख टन बासमती चावल भारतीय बंदरगाहों पर फंसे होने का अनुमान।
भारत के कुल बासमती चावल में ईरान को करीब 20 फीसदी तक एक्सपोर्ट किया जाता है।
गुजरात के कांडला और मूंदड़ा बंदरगाहों पर रुके हुए हैं चावल के जहाज।
गौरतलब है कि सऊदी अरब के बाद ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा बासमती चावल बाजार है।
भारत ने वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग 6 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया।
चावल के अन्य प्रमुख खरीदारों में ईराक, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
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