स्पेक्ट्रम नीलामी आधार मूल्य 10 फीसदी बढेगा!
Source : business.khaskhabar.com | Oct 15, 2014 | 

नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बुधवार को 1800 मेगाहट्र्ज बैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी में आधार मूल्य फरवरी 2014 में इस बैंड की नीलामी में हासिल मूल्य से 10 फीसदी अधिक रखने का प्रस्ताव किया है। ट्राई ने कहा,900 मेगाहर्ट्ज बैंड में उनके पास मौजूद स्पेक्ट्रम ही नीलामी के लिए उपलब्ध हैं। इन लाइसेंसधारकों को इस स्पेक्ट्रम को फिर से जीतना होगा, ताकि किसी लाइसेंस सेवा क्षेत्र (एलएसए) में उनका कारोबार बना रह सके।
यदि वे ऎसा नहीं करते हैं, तो उस एलएसए में किया गया उनका विशाल निवेश बर्बाद हो जाएगा। ट्राई ने 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में प्रति मेगाहर्ट्ज 3,004 करोड रूपये मूल्य का प्रस्ताव रखा है और 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए प्रति मेगाहर्ट्ज 2,138 करो़ड रूपये का मूल्य रखा है। नीलामी फरवरी 2015 में होने की संभावना है। 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 20 सर्किलों के लिए नीलामी होनी है, जबकि 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 18 सर्किलों में नीलामी होनी है। ट्राई ने कहा, बीएसएनएल से पंजाब को छो़डकर शेष सभी ऎसे एलएसए से, जहां लाइसेंस की वैधता अवधि 2015-16 में समाप्त होने वाली है, 900 मेगाहर्ट्ज में 1.2 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम वापस लिया जाना चाहिए।
इसके बदले बीएसएनएल को उन एलएसए में 1800 मेगाहर्ट्ज में 1.2 मेगाहर्ट्ज दिया जाए, जहां उसके पास उस बैंड में इस बैंड से 3.8 मेगाहर्ट्ज कम स्पेक्ट्रम है। ऎसे क्षेत्र में गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। दिसंबर 2015 में आईडिया सेल्युलर के सात, रिलायंस कम्युनिकेशन के सात, भारती एयरटेल के चार, वोडाफोन के छह लाइसेंसों के 20 साल की वैधता अवधि पूरी हो जाएगी जिसके बाद उसका नवीनीकरण कराया जाना है। ट्राई की सिफारिश में कहा गया है कि 900 तथा 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड दोनों में ही स्पेक्ट्रमों की नीलामी दो गुणा 200 किलोहर्ट्ज में होनी है। सिफारिश के मुताबिक, 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में बोली लगाने वालों के लिए वैसे एलएसए में कम से कम दो गुणा 3.6 मेगाहर्ट्ज के लिए बोली लगानी अनिवार्य किया जाना चाहिए, जहां 10 मेगाहर्ट्ज या उससे अधिक बैंड को नीलामी के लिए रखा गया है और शेष एलएसए में दो गुणा 2.4 मेगाहर्ट्ज के लिए बोली लगाना आवश्यक किया जाना चाहिए। ट्राई ने इससे पहले परामर्श पत्र में कहा था कि 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 184 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम और 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 104 मेगाहर्ट्ज की नीलामी की जाएगी। सरकार ने 2014-15 के बजट में स्पेक्ट्रम नीलामी से 45,471 करो़ड रूपये आय का अनुमान रखा है। 2013-14 में इससे 40,847.06 करोड रूपये की आय हासिल हुई थी। फरवरी 2014 में 900 मेगाहर्ट्ज और 1800 मेगाहर्ट्ज में 10 दिनों तक चले चR में 61,162 करो़ड रूपये की नीलामी हुई थी।
रक्षा क्षेत्र द्वारा स्पेक्ट्रम छोडे जाने के संदर्भ में ट्राई ने कहा,वाणिज्यिक उपयोग के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्रालय, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय स्तर पर बातचीत होनी चाहिए। सिफारिश में कहा गया है,रक्षा क्षेत्र में जिस स्पेक्ट्रम का उपयोग नहीं हो रहा है, उसे बेकार नहीं पडे रहने देना चाहिए। जिन एलएसए में रक्षा क्षेत्र को 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 20 मेगाहर्ट्ज से अधिक स्पेक्ट्रम दिए गए हैं, वहां 20 मेगाहर्ट्ज से फाजिल स्पेक्ट्रम खाली कराने के लिए दूरसंचार विभाग को रक्षा क्षेत्र से चर्चा करनी चाहिए। सिफारिश में यह भी कहा गया है कि सरकार को 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए कार्ययोजना की घोषणा करनी चाहिए। इसके मुताबिक,यह 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में नीलामी से पहले किया जाना चाहिए। 700 मेगाहर्ट्ज जारी करने से देश में डेटा का विस्तार होगा और देश भर में चौथी पीढी (4जी) की प्रौद्योगिकी लांच करने में मदद मिलेगी। ट्राई ने यह भी सिफारिश की है कि पूर्वोत्तर एलएसए में आधार मूल्य, सिफारिश किए गए आधार मूल्य पर 50 फीसदी छूट के साथ तय किया जाए।