businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

गेहूं निर्यात पर रोक से राजस्थान की आटा मिलें संकट में, एसोसिएशन ने PM से लगाई गुहार

Source : business.khaskhabar.com | May 15, 2025 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 rajasthan flour mills are in trouble due to the ban on wheat export the association appealed to the pm 722272जयपुर। राजस्थान की रोलर फ्लोर मिल एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से गेहूं और गेहूं उत्पादों पर लगे निर्यात प्रतिबंध को तत्काल हटाने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि यह प्रतिबंध राज्य की आटा और मैदा इकाइयों को आर्थिक रूप से कमजोर कर रहा है, जिससे रोजगार और देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए ज्ञापन में एसोसिएशन ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा है कि उनकी आवाज सुनी जाए, लघु उद्योगों को बचाया जाए, रोजगार संरक्षित किया जाए और उनके भविष्य को सुरक्षित किया जाए। एसोसिएशन ने जोर देकर कहा कि यह केवल राजस्थान की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की फ्लोर मिलों की वास्तविकता है। 
उल्लेखनीय है कि 14 अगस्त 2022 से गेहूं और संबंधित उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लागू है। एसोसिएशन के अनुसार, इस प्रतिबंध के कारण हजारों छोटे और मध्यम आकार के उद्योग गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। एसोसिएशन ने बताया कि पहले वे खाड़ी देशों को मैदा निर्यात करते थे और उनका व्यवसाय सुचारू रूप से चल रहा था। लेकिन निर्यात बंद होने के बाद से उन्हें लगातार तीन वर्षों से नुकसान हो रहा है। वर्तमान में, गेहूं की कीमत लगभग 27 रुपए प्रति किलोग्राम है, जबकि मैदा केवल 28 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है, जिससे मुनाफा लगभग नगण्य है। इसके अलावा, घरेलू बाजार में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। 
एसोसिएशन ने अपनी आर्थिक चुनौतियों को उजागर करते हुए कहा कि उनकी फैक्ट्री चले या न चले, दैनिक खर्च एक लाख रुपये से अधिक है। प्रत्येक मिल में औसतन 100 कर्मचारी काम करते हैं, और इन सभी परिवारों का जीवन कारखानों से जुड़ा हुआ है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे मजबूरन अपने कारखानों पर ताला लगाने के लिए विवश हो जाएंगे, और यह संकट केवल एक मिल का नहीं, बल्कि सभी फ्लोर मिल मालिकों का है। 
राजस्थान स्थित इस गेहूं आटा, मैदा और सूजी निर्माता और निर्यातक इकाई, जिसकी उत्पादन क्षमता 200 टन प्रतिदिन है, ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने और निर्यात प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया है ताकि वे फिर से आत्मनिर्भर बन सकें और अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे सकें।

[@ इस गुफा का चमत्कार सुनकर रह जाएंगे दंग]


[@ इस आश्रम में 43 वर्षो से जल रही अखंड अग्नि]


[@ झूठ बोलने से नहीं मिलेगा इन कार्यो का फल]