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जीएसटी कलेक्शन जून में 6.2 प्रतिशत बढ़कर 1.85 लाख करोड़ रुपए रहा 

Source : business.khaskhabar.com | July 02, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 gst collection rose 62 percent to rs 185 lakh crore in june 733403नई दिल्ली । भारत का गुड्स और सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कलेक्शन जून 2025 में सालना आधार पर 6.2 प्रतिशत बढ़कर 1.85 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह जानकारी सरकारी की ओर से मंगलवार को जारी किए गए आधिकारिक डेटा से मिली। 
इससे पहले अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन ऑल-टाइम हाई 2.37 लाख करोड़ रुपए और मई में 2.01 लाख करोड़ रुपए पर था। 
एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के 8 साल पूरे होने पर सरकार ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में जीएसटी कलेक्शन दोगुना होकर वित्त वर्ष 25 में रिकॉर्ड 22.08 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 21 में 11.37 लाख करोड़ रुपए था।
2024-25 में औसत जीएसटी कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपए रहा था। वहीं, 2020-21 में जीएसटी कलेक्शन 11.37 लाख करोड़ रुपए था, जिसमें मासिक औसत कलेक्शन 95,000 करोड़ रुपए था। इसके अगले वर्ष जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 14.83 लाख करोड़ रुपए और फिर 2022-23 में 18.08 लाख करोड़ रुपए और 2023-24 में जीएसटी कलेक्शन 20.18 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो अनुपालन और आर्थिक गतिविधि में लगातार वृद्धि दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के आठ साल बाद, यह एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में सामने आया है, जिसने भारत के आर्थिक परिदृश्य को नया आकार दिया है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक बयान में कहा, "अनुपालन बोझ को कम करके, इसने विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए व्यापार करने में आसानी में बहुत सुधार किया है। जीएसटी ने आर्थिक विकास के लिए एक शक्तिशाली इंजन के रूप में भी काम किया है, जबकि भारत के बाजार को एकीकृत करने की इस यात्रा में राज्यों को समान भागीदार बनाकर सच्चे सहकारी संघवाद को बढ़ावा दिया है।"
जीएसटी के तहत पिछले 8 वर्षों में करदाताओं की संख्या 60 लाख से दोगुनी होकर 1.51 करोड़ से अधिक हो गई है।
जीएसटी को एक राष्ट्र, एक कर के उद्देश्य से पेश किया गया था। जीएसटी आने के साथ ही विभिन्न अप्रत्यक्ष करों की एक विस्तृत श्रृंखला को एक कर दिया गया। जीएसटी ने उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे करों की जगह ले ली है। इससे देश में कर प्रणाली में एकरूपता आई है।
 

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