प्याज के दाम एकबार फिर बढने की पूरी आशंका
Source : business.khaskhabar.com | July 14, 2015 | 

नई दिल्ली। खुदरा महंगाई में गिरावट जारी रहने की उम्मीदों के विपरीत जून में इसके बढकर 5.40 फीसदी पर पहुंचने और असमय बारिश से फसलों को हुए नुकसान के कारण बरसात के मौसम में प्याज की कीमत 10 से 15 फीसदी बढने की आशंका है, जो आम आदमी का बजट बिगाड सकता है। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा प्याज की थोक और खुदरा कीमत के अंतर को हर हाल में कम किया जाना चाहिये।
विभिन्न थोक मंडियों में प्याज 1800 से 2500 रूपये प्रति किवंटल की दर से बिक रहा है जबकि खुदरा विक्रेता इसे 30 से 35 रूपये प्रति किलो बेच रहे हैं। एसोचैम ने कहा कि प्याज की कीमत में इस स्तर से और बढ़ोतरी उपभोक्त मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई में और तेजी ला सकता है। प्याज प्रत्येक परिवार के लिए आवश्यक वस्तु है और इसके दाम में बढोतरी होना आम लोगों के साथ ही राजनीतिक पार्टियों के लिए मुसीबत की तरह रहा है।
पैदावार घटने से भंडार में भी कमी आ सकती है। इसलिए, उपभोक्तओं तक पहुंचने से पहले प्याज के बेहतर भंडारण की जरूरत है। देश में प्याज की कुल पैदावार में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात का दो-तिहाई से अधिक योगदान है।
इसमें अकेले महाराष्ट्र की हिस्सा करीब 30 फीसदी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौसम और कीमत के आधार पर देश में प्याज की खपत 80 लाख टन से 1.2 करोड टन के बीच है। इससे प्रति माह खपत 10 लाख टन और सालाना खपत का औसत एक करोड 20 लाख टन बैठता है। इस प्रकार भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था न होने और सडने-गलने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुये देश में हर साल करीब 1.4 करोड टन प्याज की जरूरत है।