बराक ओबामा इंटरनेट "फास्ट लेन" सौदे के प्रतिबंध के पक्ष मे
Source : business.khaskhabar.com | Nov 11, 2014 | 

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इंटरनेट पर भुगतान के जरिए प्राथमिकता दिए जाने पर "स्पष्ट प्रतिबंध" का आह्वान करते हुए कहा कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को ऑनलाइन सेवाओं के साथ "फास्ट लेन" सौदे की मंजूरी नहीं होनी चाहिए ताकि कोई भी सेवा जो शुल्क का भुगतान नहीं करती वह "स्लो लेन" (धीमी सेवा) में न अटक जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पहल से कंपनियों पर तेज सेवा के लिए सौदे करने पर प्रतिबंध लग जाएगा।
फिलहाल चीन की यात्रा पर गए ओबामा ने व्हाइट हाउस से जारी वेब वीडियो में कहा, कोई भी सेवा "स्लो लेन" में सिर्फ इसलिए न अटक जाए कि उसने शुल्क का भुगतान नहीं किया है। ओबामा ने कहा, इस तरह की पहरेदारी से इंटरनेट की वृद्धि के लिए आवश्यक अवसरों की समानता प्रभावित होगी। इसलिए पहले की ही तरह मैं शुल्क भुगतान के आधार पर प्राथमिकता प्रदान करने की पेशकश या इसी तरह के किसी अन्य बाधा पर स्पष्ट प्रतिबंध की बात कर रहा हूं।
ओबामा ने कहा कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को सारे वेब ट्रैफिक को समान स्तर पर आगे बढाना चाहिए। उन्होंने संघीय संचार आयोग (एफसीसी) से कहा कि इंटरनेट की निरपेक्ष सुविधा सुरक्षित रखने के लिए हर संभव सबसे कडे नियम लागू करें। ओबामा ने कहा कि "खुला इंटरनेट" अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर है और धीरे-धीरे यह हमारी जीवनशैली बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसने नए विचारों को पेश करने की लागत कम की है, नए राजनीतिक आंदोलनों को हवा दी है एवं लोगों को एक-दूसरे के करीब लाया है और इस तरह यह विश्व के एक सबसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक प्रभावों में से है।
व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति की योजना अमेरिकी दूरसंचार अधिनियम के तहत उपभोक्ता ब्राडबैंड सेवाओं का पुनवर्गीकरण करेगी और तय करेगी कि नेटवर्क हर किसी के लिए काम करे न कि एक या दो कंपनियों के लिए। अमेरिकी संसद की उर्जा एवं वाणिज्य समिति के सदस्य हेनरी ए वैक्समैन ने इसे इंटरनेट के लिए बडा दिन बताया। संसद में डेमोक्रैटिक नेता नैन्सी पेलोसी ने कहा कि इंटरनेट सिर्फ अमीर और बडे लोगों की संपत्ति नहीं हो सकता यह नव-प्रवर्तन, उद्यमशीलता और संचार के लिए खुली जगह होना चाहिए। यह समान अवसरों वाला क्षेत्र होना चाहिए जहां सफलता बेहतरीन विचार के आधार पर मिले न कि बडी आमदनी के आधार पर।