महीने के अंत तक भुगतान के लिए आवेदन मांगेगा रिजर्व बैंक
Source : business.khaskhabar.com | Nov 14, 2014 | 

मुंबई। रिजर्व बैंक छोटे और भुगतान बैंकों की स्थापना के लिए मानदंड तय करने के बाद इस महीने के आखिर तक आवेदन आमंत्रित करेगा। ये बैंक छोटे कारोबारियों और निम्न आयवर्ग के परिवारों की जरूरतें पूरी करेंगे। रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने जानकारी देते हुए कहा कि इसके साथ ही केन्द्रीय बैंक अपनी नकदी प्रबंधन प्रणाली को भी बेहतर बनाने की योजना बना रहा है।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के समारोह में सूक्ष्म वित्तीय इकाइयों को संबोधित करते हुए राजन ने यह भी कहा कि अपनी जरूरतों के लिए छोटा मोटा ऋण लेने वालों की मनमानी ब्याज उंची दरों से सुरक्षा की जानी चाहिए। रिजर्व बैंक गवर्नर ने विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा बार-बार कर्जमाफी योजनाएं लाए जाने पर अपने एतराज को दोहराया। उन्होंने कहा कि इससे कर्ज के उचित मूल्य निर्धारण पर असर पडता है और परिणामस्वरूप ऋण बाजार में गडबडी पैदा होती है। राजन ने कहा "ग्राहकों की सुरक्षा के लिए सूक्ष्म वित्त ऋणदाताओं द्वारा दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज दरों की उचित अधिकतम सीमा तय की जानी चाहिए।" तत्कालीन अविभाजित आंध्रप्रदेश में अक्टूबर 2010 में उपजे संकट के कारण सूक्ष्म वित्त क्षेत्र की स्थिति काफी बिगड गई थी। इसके बाद आरबीआई द्वारा गठित मालेगाम समिति ने इस क्षेत्र के लिए 26 प्रतिशत ब्याज दर सीमा तय करने का सुझाव दिया था। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल 2012 में इस सीमा को अधिसूचित किया था।
आंध्र प्रदेश सरकार ने उस समय कर्ज लेने वालों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं होने के बाद सूक्ष्म वित्त संस्थाओं द्वारा बलपूर्वक ऋण वसूली पर प्रतिबंध लगा दिया था। विभाजन के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों ही राज्य सरकारों ने पिछले साल आए चक्रवात फेलिन से प्रभावित किसानों का कर्ज माफ किए जाने की घोषणा की। तेलंगाना सरकार ने बट्टे-खाते में डाले गए ऋण की तय 25 प्रतिशत राशि बैंकों को दे दी है जबकि आंध्र प्रदेश सरकार ने अब तक ऎसा नहीं किया। इन दो राज्यों के कृषि क्षेत्र में बैंकों का 1,300 अरब रूपए दांव पर लगा है।