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अप्रैल-अक्टूबर में 25 फीसदी बढा एफडीआई : सीतारमण

Source : business.khaskhabar.com | Dec 29, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 fdi in india jumps 25 in apr oct fy14 nirmalaनई दिल्ली। वाणिज्य उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले अप्रैल से अक्टूबर 2014 के दौरान देश में 17.35 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ, जो इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में करीब एक चौथाई ज्यादा है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की वृहद स्थिति में सुधार और निवेशकों का उत्साह बढने से एफडीआई प्रवाह बढा है। अप्रैल-अक्टूबर 2013 में एफडीआई 13.82 अरब डॉलर था। मंत्री ने माना कि इसके बावजूद विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने में काफी "चुनौतियां" हैं। उन्होंने यहां कहा, भारत को वैश्विक विनिर्माण केन्द्र बनाने में काफी चुनौतियां हैं।

 इन्हें पहचानने और इनका निदान निकालने की कार्ययोजना की आवश्यकता है। वह यहां "मेक इन इंडिया" कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं। निर्मला ने कहा, हम मानते हैं कि विनिर्माण में मजबूती के लिए मजबूत ढांचागत सुविधाओं की जरूरत है। मेक इन इंडिया का लक्ष्य भारत में उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने लालफीताशाही खत्म करने के लिए कई कदम उठाए हैं। नियमों को तर्कसंगत बनाया गया है और एक कारगर एवं जन-अनुकूल शासन व्यवस्था के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग बढाया जा रहा है। वाणिज्य उद्योग मंत्री ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र मजबूत होने से वृद्धि दर तेज होगी और युवा पीढी के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा उनकी आकांक्षाएं पूरी हो सकेंगी। इसी अवसर पर मंत्रिमंडलीय सचिव अजित सेठ ने कहा कि सरकार ने "ई-बिजनेस" पोर्टल शुरू कर दिया है, जो उद्योगों के लिए मंजूरी प्रक्रिया के लिए एकीकृत मंच है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस एक दिन की कार्यशाला में 18 बैठकें आयोजित की रही हैं। इसमें 25 मंत्रालय और सभी राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इसका उद्देश्य "मेक इन इंडिया" अभियान को सफल बनाने की वृहद योजना तैयार करना है। इसका यह भी उद्देश्य है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच इस मामले में पूरा समन्वय बिठाया जा सके। निर्मला ने कहा कि मेक इन इंडिया पहल को मजबूत करने के लिए हाल में की गई पहल के नतीजों और नई पहल की आवश्यकताओं पर चर्चा करने की जरूरत है।