पान और अरहर पर कहर बन रहा कोहरा
Source : business.khaskhabar.com | Jan 01, 2015 | 

लखनऊ। सर्दी और कोहरे से न केवल इंसानों का जीना दूभर है, बल्कि इसका असर खेती किसानी पर भी प़ड रहा है। क़डाके की ठंड जहां आलू की खेती को नुकसान पहुंचा रही है, वहीं दलहन और तिलहन पर भी खतरा मंडरा रहा है। किसान ठंड के कारण अरहर ककी फसल में फूलों के झ़्ाडने के खतरे से घबरा रहे हैं। किसान यह सोच कर परेशान हैं कि फूल झडे़ तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी और पैदावार प्रभावित होगी। वहीं यह ठंड पान की खेती के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित हो रही है। देखा गया है कि लगातार कोहरे के चलते अरहर की फसल प्रभावित होती है, उसके फूल झ़्ाड जाते हैं।
यही कारण है कि बालियां नहीं लग पाती। वहीं क़डाके की ठंड के साथ घना कोहरा पान की खेती के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रहा है। पान की फसल पर इस मौसम का असर धूप निकलने के बाद दिख सकता है। कृषि वैज्ञानिक मोहन विश्वकर्मा बताते हैं कि अरहर को कोहरे से बचाने के लिए किसानों को अरहर फसल की हल्की सिंचाई करने के साथ-साथ खेत के आस-पास धुआं करना चाहिए।
इससे कोहरे का असर कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि किसान फसल पर घुलनशील गंधक (सल्फर) का छि़डकाव कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि दो से ढाई ग्राम दवा को एक लीटर पानी में मिलाकर बने घोल का छि़डकाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ठंड में पान की फसल में एफिड की़डे के प्रकोप को देखा जाता है, जिसमें पान की पत्तियां सिकु़डकर खराब हो जाती है। इससे निपटने के लिए किसानों को पान पर निमौली नामक जैविक पदार्थ का छि़डकाव करना चाहिए, ताकि फसलों को की़डे के प्रकोप से बचाया जा सके।