ओडिशा में 2 ऊर्वरक परियोजनाओं को मंजूरी
Source : business.khaskhabar.com | Dec 24, 2014 | 

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को उत्तरी ओडिशा के तलचर स्थित दो ऊर्वरक इकाइयों की देश में यूरिया आपूर्ति बढाने की परियोजना को मंजूरी दे दी। पहली परियोजना के तहत वस्तुत: 50 करो़ड डॉलर की एक पुरानी परियोजना को पुनर्जीवित किया जाएगा जिसके लिए 2013 में गेल, कोल इंडिया, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (आरसीएफ) और फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। इसके लिए जनवरी तक प्रौद्योगिकी का निर्धारण होगा। इस परियोजना के तहत अमोनिया गैस का उत्पादन होगा, जिसका उपयोग ऊर्वरक बनाने में होगा।
दूसरी परियोजना बिल्कुल नई है। इसके लिए भी चारों सरकारी कंपनियों के बीच एक समझौता हुआ है। इसपर एक अरब डॉलर खर्च होगा और इसके तहत रोजाना 385 करोड टन यूरिया, 270 करो़ड टन अमोनिया, 85 करोड टन नाइट्रिक एसिड और 100 करो़ड टन अमोनियम नाइट्रेट के उत्पादन की कल्पना की गई है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, विस्तृत व्यवहारिकता रिपोर्ट के बाद निर्माण कार्य 2015-16 में शुरू हो सकता है और यह परियोजना 2019 में पूरी हो सकती है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, यह परियोजना रणनीतिक महत्व की है क्योंकि इसमें घरेलू स्त्रोतों से व्यापक रूप से उपलब्ध कोयले को कच्चे माल के वैकल्पिक स्त्रोत के रूप में उपयोग करने का लक्ष्य है। समझौते पर हस्ताक्षर केंद्रीय ऊर्वरक मंत्री अनंत कुमार, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान और केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष हुआ। हस्ताक्षर समारोह के बाद अनंत कुमार ने कहा,देश में यूरिया का उत्पादन जरूरत से कम हो रहा है। अभी हम 2.2 करोड टन यूरिया का उत्पादन करते हैं, जो जरूरत से एक करोड टन कम है। तलचर इकाइयों के पुनर्जीवित होने से ओडिशा और देश के पूर्वी हिस्से की अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी।