उत्पादन बढ़ने से अरहर दाल 70 रुपए प्रति किलो सस्ती
Source : business.khaskhabar.com | Jan 08, 2025 |
-इस बार देश में तुअर की फसल 38 लाख टन रहने का अनुमान
रामबाबू सिंघल
जयपुर। देश भर की थोक मंडियों में नई अरहर की आवक बढ़ने से अरहर दाल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। ऊंचे भावों से अरहर दाल के भाव करीब 70 रुपए प्रति किलो घट गए हैं। वर्तमान में अरहर दाल 98 से 100 रुपए प्रति किलो रह गई है, जबकि तीन-चार महीने पहले इसके भाव 170 रुपए प्रति किलो थोक में पहुंच गए थे। राजधानी कृषि मंडी कूकरखेड़ा स्थित फर्म पी.एच. ट्रेडिंग कंपनी के हेमंत सिंघल ने बताया कि इस बार देश में अरहर की फसल 35 से 38 लाख टन रहने का अनुमान है, जो कि पिछले साल 30 लाख टन थी। वहीं म्यांमार में अरहर की फसल पिछले साल की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत अधिक है। हेमंत ने कहा कि दिसंबर 2024 में खरीफ अरहर की आवक बढ़ी है। पिछले साल के मुकाबले अरहर की आवक 78 प्रतिशत बढ़ी है। तुअर की आवक नवंबर 2024 की तुलना में भी ज्यादा रही है। उधर तेलंगाना में तुअर की आवक 6 प्रतिशत कम रही है। गुजरात एवं उत्तर प्रदेश में भी आवक थोड़ी घटी है। दिसंबर 2023 में अरहर की आवक 47 हजार 154 टन रही थी, जबकि वर्ष 2024 में 84 हजार 130 टन रही है। हेमंत ने बताया कि वर्ष 2024-25 में अरहर का उत्पादन कर्नाटक में 12.25 लाख टन, महाराष्ट्र में 11.90 लाख टन, झारखंड में 2.46 लाख टन, गुजरात में 2.07 लाख टन और तेलंगाना में 1.6 लाख टन आवक होने का अनुमान है।
पैदावार को देखते हुए और मंदी के संकेतपैदावार को देखते हुए भारत में अरहर की कीमतों में और मंदी आने के संकेत हैं। जानकारों का कहना है कि म्यांमार के साथ भारत को 5 साल के लिए एग्रीमेंट करना चाहिए। एग्रीमेंट से भारत और म्यांमार दोनों को फायदा होगा। बता दें भारत और म्यांमार का रिश्ता चार दशकों से ज्यादा का रहा है। म्यांमार भारत को 20 फीसदी निर्यात भारतीय रुपए में करेगा। बाकी का 80 प्रतिशत निर्यात अमेरिकी डॉलर में होगा। उड़द दाल के भावों में भी काफी गिरावट आई है। भारत में उड़द की कमी म्यांमार से पूरी हो सकती है। म्यांमार में 10 से 12 लाख टन उड़द का उत्पादन संभव है।
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