एफटीसी ने सन फार्मा के रैनबेक्सी के अधिग्रहण पर आपत्ति जताई
Source : business.khaskhabar.com | Jan 31, 2015 | 

वाशिंगटन। अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमिशन (एफटीसी) ने फार्मा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सन फार्मास्युटिकल्स की चार अरब डॉलर में इसी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी रैनबेक्सी के अधिग्रहण को प्रतिस्पर्द्धा विरोधी सौदा करार देते हुए इस पर आपत्ति जताई है। एफटीसी ने कहा कि शुल्कों के निपटारे को ध्यान में रखते हुए दोनों कंपनियां जेनरिक दवा मिनोसाइक्लिन टैबलेट को बेचने पर सहमत हो गई थी। ऎसे में सन फार्मा के रैनबेक्सी के अधिग्रहण के प्रस्ताव से बाजार में प्रतिस्पर्द्धा प्रभावित होगी।
उसने कहा कि अमेरिका में जेनरिक दवा बेचने वाली भारत की अन्य कंपनी टॉरेंट फार्मास्युटिकल्स को रैनबेक्सी की मिनोसाइक्लिन इकाई को अब खरीदना चाहिए 1 इस दवा का इस्तेमाल जीवाणुों के संक्रमण से होने वाली बीमारी जैसे कि निमोनिया और यूरिन संक्रमण के इलाज में किया जाता है। एफटीसी की आपत्तियों के मुताबिक प्रस्तावित विलय से अमेरिकी बाजार में मिनोसाइक्लिन के तीनों डोज 50 मिलीग्राम 75 एमजी और 100 एमजी के आपूर्तिकर्ताओं की संख्या में कमी आने से भविष्य में प्रतिस्पर्द्धा प्रभावित होगी। वर्तमान में रैनबेक्सी अमेरिकी बाजार में मिनोसाइक्लिन बेचने वाली तीन कंपनियों में से एक है जबकि सन फार्मा निकट भविष्य में अमेरिका में इस दवा को बेचने वाली अकेली कंपनी होगी।
उसने कहा कि सन फार्मा के आने से इन दवाों के सस्ता होने की उम्मीद है। निपटारे के लिए मिनोसाइक्लिन की आपूर्तिकर्ताओं में बदलाव के उद्देश्य से टॉरेंट को नियामक मंजूरी हासिल करने के लिए सन फार्मा और रैनबेक्स दोनों को शीघ्र ही इस जेनरिक औषधि परिसंपत्ति टॉरेंट को बेच देनी चाहिए। एफटीसी ने कहा कि टॉरेंट की अपनी विनिर्माण इकाई स्थापित होने तक सन फार्मा और रैनबेक्सी को उसे मिनोसाइक्लिन की आपूर्ति करनी चाहिए। कमिशन ने टॉरेंट को दोनो कंपनियों की तरफ से मिलने वाले समर्थन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक अंतरिम मॉनिटर को नियुक्त किया है।