बेहतर संपर्क से बढ़ सकता है मध्य एशिया से व्यापार : सीआईआई
Source : business.khaskhabar.com | July 06, 2015 | 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच मध्य एशियाई देशों- कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान व उज्बेकिस्तान की यात्रा पर निकलने से एक दिन पहले भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि इस क्षेत्र से बेहतर संपर्क स्थापित करने से आपसी व्यापार कई गुणा बढ़ सकता है। परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा, ""अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) की दिशा में तेजी से बढ़ने की जरूरत है, जो भारत को ईरान होते हुए मध्य एशिया और रूस से जो़डेगा।""
उन्होंने कहा, ""गलियारे से दोनों क्षेत्रों के बीच होने वाले व्यापारिक परिवहन में लगने वाला समय काफी घट जाएगा।"" बनर्जी ने कहा, ""परिसंघ का मानना है कि पांचों मध्य एशियाई देशों के साथ भारत का व्यापार मौजूदा 1.4 अरब डॉलर से कई गुणा बढ़ सकता है।"" परिसंघ ने बयान में कहा, ""(तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान-पाकिस्तान) तापी पाइपलाइन परियोजना की तरह भारत को मध्य पूर्व से जो़डने वाली परियोजना पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।"" आईएनएसटीसी के लिए भारत, रूस और ईरान के बीच दशक भर से अधिक समय पहले समझौता हुआ था। गत महीने इसके सदस्यों ने एक प्रायोगिक परिवहन की समीक्षा के लिए बैठक की थी। यह परिवहन भारत, ईरान और रूस के बीच कैस्पियन सागर से होते हुए संचालित किया गया था।
इस पर अगली बैठक इसी महीने होनी है। मुंबई के नव शेवा से ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह होते हुए रूस के अस्त्राखान और अजरबेजान के बाकू बंदरगाह तक परिवहन गलियारे से भारत अैर मध्य एशिया तथा रूस के बीच परिवहन में लगने वाला समय काफी घट जाएगा। परिसंघ ने भारत और रूस, कजाकिस्तान तथा बेलारूस वाले यूरेशियाई आर्थिक संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता किए जाने की भी सलाह दी छह से 13 जुलाई तक की इस यात्रा के दौरान मोदी रूस के ऊफा में ब्रिक्स और एससीओ शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे, जहां वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। कजाकिस्तान एक प्रमुख तेल उत्पादक देश है। तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के पास विशाल प्राकृतिक संसाधन है।
ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के पास भी प्राकृतिक संसाधनों का विशाल भंडार है, जिसका अब तक खास दोहन नहीं हुआ है। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद इस क्षेत्र की यात्रा करने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे। गत सप्ताह वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि भारत और यूरेशियाई आर्थिक संघ ने मुक्त व्यापार समझौता के लिए एक संयुक्त अध्ययन समूह गठित किया है। समूह एक साल के भीतर अपनी रपट सौंपेगा।