टाइटन वैश्विक बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर देगी
Source : business.khaskhabar.com | Feb 04, 2015 | 

कोलकाता। देश की अग्रणी घडी निर्माता कंपनी टाइटन नए देशों में कारोबार के विस्तार से पहले 32 देशों में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है।कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक, इस दिशा में कंपनी नए उत्पादों को बाजार में उतारेगी, जिसमें बेहतर उपभोक्ता मांग वाली स्विस घडियों का एक ब़डा संग्रह शामिल है। टाइटन के नवोत्पाद विभाग के प्रमुख सुमंत सूद ने आईएएनएस को बताया, ""हम 32 देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं और इसलिए हम नए देशों में पैर पसारने से पहले उन देशों में अपना दबदबा बनाना चाहते हैं। मध्य पूर्व के देशों में हम शीर्ष स्थान पर हैं, लेकिन एशिया प्रशांत और अफ्रीकी देशों में हम शीर्ष तीन कंपनियों में शुमार होना चाहते हैं।"" सूद के मुताबिक टाइटन विश्व की पांचवी सबसे ब़डी घडी निर्माता कंपनी है। इसलिए कंपनी नए देशों में विस्तार से पहले अपनी दुकानों की संख्या में बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है। कंपनी बेहतर उपभोक्ता मांग वाली घड़ियों को बाजार में उतारेगी।
उन्होंने कहा, ""हम नए उत्पादों को जल्द ही बाजार में उतारने जा रहे हैं। हमारी कोशिश यही है कि उपभोक्ताओं के लिए ये उत्पाद पूरी तरह उपयुक्त हों। अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों का आकर्षण उन्हें अधिक वांछनीय बनाएगा। हमें अब अपने डिजाइन अधिक आकर्षक बनाने होंगे और डिजाइनिंग में नयापन लाने की कोशिश करनी होगी।"" सूद के मुताबिक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कंपनी अपनी प्रक्रियाओं में सुधार की कोशिश कर रही है और समय व संसाधनों की बर्बादी दूर करने का प्रयास कर रही है। इस प्रयास में कंपनी उपभोक्ताओं की बदलती मानसिकता का पता लगाने के लिए उपभोक्ता शोध कर रही है और इस दिशा में कंपनी घç़डयों की डिजाइन और फीचर्स में विभिन्नता लाएगी, जो आजकल की प्रतिस्पर्धा की वजह से गायब हो चुकी है। भारत में कंपनी की कुल बाजार हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है, लेकिन प्रभावशाली जापानी और स्विस व अन्य दूसरी डिजाइनर कंपनियों की तुलना में टाइटन की प्रीमियम श्रेणी में इसके ब्रांड इतने लोकप्रिय नहीं हैं।
हालांकि कंपनी का "स्विस-मेड" ब्रांड "जाएलस" ब़डे उत्साह के साथ बाजार में उतारा गया, लेकिन बिक्री के संदर्भ में इसे उतनी सफलता नहीं मिली। वहीं, कंपनी द्वारा अधिकृत "फैब्रे लिउबा" के लांच को भी पिछले साल रद्द कर दिया गया था। आगामी वित्त वर्ष में कंपनी की ब्रांड के प्रचार और अन्य विपणन गतिविधियों को भी व्यापक स्तर पर शुरू किया जाएगा। टाइटन विश्वविद्यालयों और अन्य कंपनियों के साथ मिल कर प्रौद्योगिकी साझेदारी पर भी काम कर रही है। टाइटन के मुताबिक 2015 में कंपनी की चिंता का विषय उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों के अनुसार कंपनी की डिजाइनिंग और ब्रांडों को एक स्तर पर लाना होगा।