businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

अप्रैल से ब्याज दर घटाएंगे बैंक : राजन

Source : business.khaskhabar.com | Mar 05, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Raghuram rajan expects banks cutting rate from aprilमुंबई। रेपो दर में अचानक 0.25 फीसदी कटौती करने के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बैंक इस कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को जल्द प्रदान करेंगे। केंद्रीय बैंक ने एक और हैरान करने वाले कदम के तहत मुख्य नीतिगत दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.50 प्रतिशत कर दिया है। दो माह में यह नीतिगत दर में दूसरी कटौती है। विशेष बात यह है कि दूसरी बार यह कटौती मौद्रिक समीक्षा के बगैर की गई है। इससे पहले 15 जनवरी को केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी। राजन ने विश्लेषकों से कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए कहा, "मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ सप्ताह में हम इसे ब्याज दरों में कमी के रूप में बदलते देखेंगे।" कोष की लागत घटने के बावजूद बैंकों ने इसका लाभ ग्राहकों को नहीं दिया है। राजन ने पिछली मौद्रिक नीति के समय इसकी आलोचना भी की थी। 15 जनवरी की कटौती के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों यूनियन बैंक ऑफ इंडिया व यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया ने अपनी आधार दर (बेस रेट) घटाई थी। राजन ने कहा कि कटौती का लाभ देने की प्रक्रिया में बैंक सुस्त रहते हैं।

हालांकि, ब्याज दरें बढाने में वे तेजी दिखाते हैं। मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इन दो कटौतियों के बाद बैंक दरें घटाएंगे। गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक यह भी देख रहा है कि ब्याज दर में कटौती का लाभ देने में क्या किसी तरह की संस्थागत अडचन है। राजन ने मुख्य दरों में कटौती की घोषणा करते हुए कहा, "रूपया समकक्ष देशों के मुकाबले ज्यादा मजबूत रहा है। अत्यधिक मजबूत रूपया अवांछनीय है। यह अवस्फीतिक दबाव भी पैदा करता है।"

उन्होंने कहा "रिजर्व बैंक विनिमय दर के लिए स्तर विशेष का लक्ष्य नहीं रखता और न ही वह विदेशी मुद्रा भंडार का कोई लक्ष्य रखता है। बैंक समय समय पर दोनों ही दिशा में, हस्तक्षेप करता है ताकि विनिमय दर में टाल सकने योग्य उतार-चढाव कम किया जा सके।" उन्होंने कहा, "मुद्रा भंडार में बढोतरी बजाय किसी प्रत्यक्ष उद्देश्य के ऎसी ही पहलों का नतीजा है।" रूपया इस साल करीब दो प्रतिशत चढा जो विभिन्न एशियाई मुद्राओं के मुकाबले अधिक है। आरबीआई विभिन्न मौकों पर बाजार में हस्तक्षेप करता रहा है ताकि रूपए को मजबूत होने से बचाया जा सके। देश का विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी 2015 के अंत तक 328.7 अरब डालर बढ गया। इस तरह यह सोना आयात पर प्रतिबंध खत्म का सही समय है।