भारत-रूस मिलकर बनाएंगे 200 हेलिकॉप्टर
Source : business.khaskhabar.com | July 20, 2015 | 

मॉस्को। भारत के उत्पादन रक्षा क्षेत्र को बढावा देने के कदम के तहत देश में रूस के सहयोग से 200 सैन्य हेलिकॉप्टरों का विनिर्माण किया जाएगा। यह योजना दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को और अधिक गहन और विविधतापूर्ण बनाने की पहल का हिस्सा है। रूस में भारत के राजदूत पीएस राघवन ने कहा कि इस बारे में हाल में समझौता हुआ है। यह उन कई रक्षा परियोजनाओं में से है जिन पर दोनों देश काम कर रहे हैं।
इनमें मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत परियोजनाएं भी शामिल हैं। राघवन ने कहा कि भारत द्वारा अन्य देशों से सैन्य उपकरणों की खरीद के बावजूद दोनों देशों का दशकों पुराना रक्षा सहयोग गतिशील बना हुआ है। भारत ने हाल में फ्रांस से 36 राफेल लडाकू विमान खरीदने का करार किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का संबंध "एक बडा, व्यापक आधार वाला संबंध है, जो समय के साथ और व्यापक होता जा रहा है।" उन्होंने कहा, "हमारे बीच हाल में भारत में संयुक्त रूप से हेलिकॉप्टरों के विनिर्माण की सहमति बनी है। भारत में 200 हेलिकॉप्टरों का विनिर्माण एक बडी पहल है। यदि दोनों देश प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण व लाइसेंस उत्पादन के जरिए 200 हेलिकॉप्टरों का विनिर्माण करने का फैसला करते हैं, तो यह एक बहुत बडा कदम है।"
राघवन ने कहा कि यह संभवत: मेक इन इंडिया पहल के तहत पहली रक्षा परियोजना है। राघवन से उस अवधारणा के बारे में पूछा गया था कि भारत व रूस के रक्षा संबंध कमजोर हो रहे हैं क्योंकि वह (भारत) अन्य देशों से सैन्य खरीद कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस रक्षा संबंध गतिशील हैं। "लोग उन बातों पर ध्यान देते हैं जो हम गैर रूस के साथ करते हैं। नए-नए उत्पाद और नई-नई परियोजनाएं आ रही हैं जिसपर किसी का ध्यान नहीं जाता।" राघवन ने कहा कि कई परियोजनाओं पर सक्रियता से बातचीत हो रही है। देर सवेर ये सामने आएंगी।
हालांकि, उन्होंने इन परियोजनाओं का ब्योरा देने से इनकार किया। भारत रूस संबंधों के कमजोर होने की धारणा को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ विचार गलत या अधूरी सूचनाओं के आधार पर बना लिए जाते हैं। हालांकि, उन्होंने यह बात स्वीकार की कि भारत अपनी रक्षा खरीद में विविधता ला रहा है। उन्होंने कहा, "लेकिन हमारे सैन्य बल 60 से 70 प्रतिशत तक रूस की आपूर्ति पर निर्भर हैं।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि रूस भारत के लिए प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। राघवन ने बताया, "वास्तव में प्रधानमंत्री ने कहा था कि रूस भारत का प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ता है और बना रहेगा।"