हिमाचल को सब्जी उत्पादन से 2500 करोड रूपये कमाई
Source : business.khaskhabar.com | July 19, 2015 |
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सब्जियों का उत्पादन बढ़कर सालाना 14.60 लाख टन हो गया है और इससे होने वाली कमाई भी बढ़कर 2,500 करो़ड रूपये हो गई है। एक अधिकारी ने यहां रविवार को यह जानकारी दी। राज्य के बागवानी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि वर्तमान खरीफ (मानसून) सत्र में चार लाख हेक्टेयर खेत में अनाजों की बुआई की गई है और इसका 8.85 लाख टन उत्पादन लक्ष्य तय किया गया है। अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में कृषि उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से विभिन्न योजनाओं के तहत 450 करो़ड रूपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि फसल विविधीकरण को शीर्ष वरीयता दी जाएगी और इस पर 66 करो़ड रूपये खर्चे जाएंगे। राज्य की कृषि और बागवानी आधारित अर्थव्यवस्था मानसून पर काफी निर्भर करती है।
अधिकारी ने बताया कि इस साल भी 10 एक़ड क्षेत्र में काफी की पैदावार की जाएगी और मटर, टमाटर तथा अदरख के लिए बीमा योजना जारी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फसल विविधीकरण परियोजना के दूसरे चरण में तकनीकी सहयोग के लिए जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी से संपर्क किया है। राज्य सरकार चार राष्ट्रीय कार्यक्रमों का भी कार्यान्वयन कर रही है और उनके लिए 90 करो़ड रूपये आवंटित किए गए हैं। सरकार ने कृषि को कृषि व्यापार में बदलने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें शामिल हैं 110 करो़ड रूपये की वाईएस परमार स्वरोजगार योजना, 154 करो़ड रूपये की राजीव गांधी माइक्रो इर्रिगेशन योजना और 20 करो़ड रूपये की बोरवेल एवं लिफ्ट इर्रिगेशन योजना।
किसानों और खेत मजदूरों को दुर्घटना में घायल होने या मौत होने की स्थिति में मुआवजा देने के लिए मुखिया मंत्री किसान एवं खेतिहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत खेत या कृषि मशीनों के साथ काम करते हुए मृत्यु होने पर डेढ़ लाख रूपये और स्थायी विकलांगता की स्थिति में 50 हजार रूपये का मुआवजा दिया जाएगा। सब्जी उत्पादन से राज्य को सालाना ढाई हजार करो़ड रूपये आय होती है और बागवानी से 3,200 करो़ड रूपये से अधिक सालाना आय होती है। अलग तरह की जलवायु वाली सब्जियों और फूलों के उत्पादन से और नियंत्रित वातावरण शृंखला स्थापित करने से किसानों की आय बढ़ने का अनुमान है।
(IANS)