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फर्जी हवाई स्कीमों के खिलाफ एपीएआई

Source : business.khaskhabar.com | Oct 27, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Fraudulent schemes against air apaiमुबंई। हवाई यात्रियों की संस्था एयर पैसेंजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एपीएआई) घरेलू विमानन कंपनियों की ओर से समय-समय पर पेश किए जाने वाले विशेष किराया (स्पेशल फेयर) ऑफरों के संचालन पर सवाल उठाते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से इन पर रोक लगाने की मांग की है। एयर लाइंस के ऎसे अधिकतर ऑफरों में रियायती टिकट खरीदने की कोशिश करने वाले ज्यादातर लोगों को टिकट न मिल पाने के चलते ऎसे ऑफरों को "अस्तित्वहीन" करार देते हुए इन पर प्रतिबंध की मांग की है।

 एपीएआई ने डीजीसीए को इस संबंध में एक पत्र भेज कर उससे यह जानना चाहा है कि नियामक फर्जी स्पेशल फेयर ऑफर पेश करने वाली एयरलाइंस पर किस तरह की कार्रवाई करने की सोच रहा है। एपीएआई के अध्यक्ष डी सिधाकर रेड्डी ने नागर विमानन महानिदेशक प्रभात कुमार को लिखे अपने पत्र में कहा है कि हमें पूरा भरोसा है कि डीजीसीए एयर लाइंस की ओर से पेश किए जाने वाले औचित्यहीन और यात्रियों को कभी उपलब्ध न होने वाले फर्जी रियायती ऑफरों के सिलसिले को खत्म करेगा। रेड्डी ने कहा कि एयरलाइंस कंपनियों के स्पेशल फेयर ऑफरों के खिलाफ यात्रियों की ओर से लगातार भारी संख्या में मिल रही शिकायतों के चलते उसने मजबूरन डीजीसीए को यह पत्र लिखा है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न एयरलाइंस द्वारा पेश किए जाने वाले ज्यादातर ऑफर बिल्कुल मिलते-जुलते से होते हैं और इनके रियायती हवाई किराए भी तकरीबन एक जैसे ही होते हैं। ऎसा विमानन कंपनियों द्वारा आपस में साठगांठ कर यात्रियों को बेवकूफ बनाने के लिए ऎसे ऑफर पेश करने पर ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि वित्तीय संकट से जूझ रही सस्ती हवाई सेवाएं संचालित करने वाली स्पाइस जेट की अगुवाई में किस तरह घरेलू विमानन कंपनियां इस साल जनवरी से एक के बाद एक ऎसे स्पेशल ऑफर पेश किए जा रही हैं।

 एसोसिएशन ने कहा कि इन ऑफरों को लेकर हमें ब़डी संख्या में ऎसी शिकायतें मिल रही हैं कि स्पेशल आऊफर का टिकट खरीदने का प्रयास करने पर यात्री एयरलाइंस की वेबसाइट में एक्सेस ही नहीं कर पाते हैं। कई प्रयासों के बाद पोर्टल अगर खुल भी जाता है, तो कंपनी के विज्ञापन में दिखाए गए किराए वाले टिकट बिक गए (सोल्ड आउट) दिखाई देते हैं। इनकी जगह अन्य तरह के किरायों वाले ऑफर के टिकट साइट पर बुकिंग के लिए उपलब्ध रहते हैं। रेड्डी ने कहा कि ऎसे फर्जी ऑफरों का चलन इतना बढ़ गया है कि अमूमन हर 10-15 दिन पर किसी न किसी एयरलाइन की ओर से ऎसा ऑफर सामने आ जाता है। इससे साफ तौर पर लगता है कि एयरलाइंस मुफ्त में प्रचार पाने के इरादे से जानबूझ कर इस तरह के फर्जी ऑफर पेश कर रही हैं।