पांच दिन की हडताल पर कोयला श्रमिक
Source : business.khaskhabar.com | Jan 06, 2015 | 

नई दिल्ली। देशभर में कोल इंडिया और अन्य प्रमुख कोयला कंपनियों के श्रमिक मंगलवार से पांच दिवसीय ह़डताल पर रहेंगे। इस दौरान कोयले की आपूर्ति प्रभावित होने से हर राज्य में बिजली उत्पादन प्रभावित हो सकता है। यह ह़डताल अप्रत्याशित नहीं है। हडताल का फैसला 17 दिसंबर 2014 को रांची में हुई कोयला मजदूर संघों की एक बैठक में लिया गया था। प्रमुख मजदूर संगठन भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) ने इस ह़डताल को समर्थन देने की घोषणा उसी दिन कर दी थी। सीटू की वेबसाइट के मुताबिक, अध्यादेश और कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक-2014 के जरिए कोयला खनन क्षेत्र का निजीकरण करने के विरोध में ह़डताल करने का फैसला किया गया है।
कोयला क्षेत्र से जु़डे प्रमुख मजदूर संघों ने शनिवार को भी देश भर में अपने सदस्यों से मंगलवार से पांच दिवसीय ह़डताल पर जाने का आह्वान किया है। कोल इंडिया लिमिटेड तथा अन्य सरकारी कोयला कंपनी के पांचों प्रमुख मजदूर संघों बीएमएस, इंटक, एटक, सीटू और एचएमएस ने ह़डताल की घोषणा की है। इस दौरान देश भर में कोयला क्षेत्र के करीब 5.5 लाख कामगारों के ह़डताल पर रहने की उम्मीद है। कोयला क्षेत्र के अधिकारियों के संघों ने भी ह़डताल को समर्थन दिया है। मजदूर संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि ह़डताल के कारण कोल इंडिया को रोजाना 15 लाख टन का उत्पादन घाटा होगा, जिसका मतलब है कि रोजाना 150 करो़ड रूपये का नुकसान। यही नहीं, यह ह़डताल ऎसे समय में किया जा रहा है, जब कई बिजली कंपनियां कोयले की कमी से जूझ रही हैं। ऎसे में ह़डताल के कारण आपूर्ति बाधित होने से बिजली उत्पादन सीधे तौर पर प्रभावित हो सकता है।