गेहूं और महंगाः 2760 रुपए प्रति क्विंटल पहुंचा मिल डिलीवरी, अभी और तेजी के आसार
Source : business.khaskhabar.com | Sep 04, 2024 |
- रामबाबू सिंघल - जयपुर। भारतीय खाद्य निगम द्वारा रोलर फ्लोर मिलों को गेहूं के टेंडर नहीं किए जाने से गेहूं की कीमतों में इन दिनों लगातार मजबूती देखी जा रही है। तीन-चार दिनों के अंतराल में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं 50 रुपए और उछलकर बुधवार को 2760 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया। समर्थन में आटा, मैदा एवं सूजी के भाव भी बढ़ाकर बोले गए।
मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि बारिश के कारण मंडियों में गेहूं की आवक नहीं के बराबर है। हिन्डौन, महुआ, मंडावर आदि मंडियों का अधिकांश गेहूं साउथ जा रहा है और त्योहारी मांग शुरू हो गई है। इन सब कारणों से भी गेहूं में फिलहाल मंदी के आसार नहीं हैं। एफसीआई ने आटा मिलों को अगस्त में गेहूं के टेंडर जारी करने की घोषणा की थी, जो कि अभी तक शुरु नहीं किए हैं।
केन्द्र सरकार यदि शीघ्र गेहूं की बिक्री खुले बाजार में नहीं करती है तो गेहूं की कीमतें जल्द ही 2800 रुपए प्रति क्विंटल के पार निकल सकती हैं। हालांकि बीते साल बिजाई अधिक होने से गेहूं का उत्पादन ज्यादा हुआ है, लेकिन पाइपलाइन में पुराना स्टॉक नहीं होने तथा मंडियों में कंपनियों द्वारा लिवाली किए जाने से गेहूं एमएसपी से काफी ऊंचा बिकने लगा है। गेहूं का एमएसपी 2275 रुपए प्रति क्विंटल है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा एक अगस्त से ही ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत गेहूं की बिक्री 2300 से 2325 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में किए जाने की घोषणा की गई थी। वहीं रोलर फ्लोर मिलों एवं आटा मिलों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है।
ज्ञात हो गेहूं का उत्पादन इस बार सरकारी अनुमान के अनुसार 1120.70 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया था, जो पूर्व वर्ष के 1090 लाख टन से अधिक रहा है। मगर कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मक लिवाली चलने से गेहूं में तेजी का रुख देखा जा रहा है। इस साल गेहूं की कुल खरीद 267 लाख टन के आसपास रह गई, जबकि पिछले साल 262 लाख टन हुई थी।
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