यूक्रेन संकट : कोयले की कीमतों में उछाल से बढ़ेंगी बिजली दरें
Source : business.khaskhabar.com | Mar 09, 2022 |
नई दिल्ली । रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कोयले की कीमतों में उछाल से अगले
कुछ दिनों में बिजली के बिल आम आदमी की जेब पर बोझ डाल सकता है।
युद्ध
से पैदा संकट ने कोयले की कीमत बढ़ा दी है, जो देशभर में ताप विद्युत
इकाइयों द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक प्रमुख कच्चा माल है।
इस समय भारत के कई अति-महत्वपूर्ण ताप विद्युत संयंत्र आयातित कोयले पर निर्भर हैं।
पिछले
दो हफ्तों में तेल और गैस की कीमतों में उछाल के बाद वैश्विक कोयले की
कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है, क्योंकि यूक्रेन में संघर्ष तेज हो गया
है।
इसके अलावा, भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण कोयला शिपमेंट के लिए शिपिंग, लॉजिस्टिक्स और बीमा लागत भी बढ़ गई है।
अंतर्राष्ट्रीय
बाजार में इस साल अब तक कोयले की कीमत 158 फीसदी बढ़कर 435 डॉलर प्रति टन
हो गई है। साल 2021 में इसमें 109 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
घरेलू बाजार में कोयले के दाम 10,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गए हैं।
अनुमान है कि कोयले की कीमतों में 10 डॉलर प्रति टन की वृद्धि से बिजली की लागत लगभग 32 पैसे प्रति यूनिट बढ़ जाएगी।
एक्यूइट
रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा,
"भारतीय बिजली संयंत्रों के लिए आयातित कोयले की लागत वस्तुत: अव्यावहारिक
हो गई है, क्योंकि इनमें से कई संयंत्रों में प्रतिस्पर्धी बोली निर्धारित
टैरिफ संरचना है। पास थ्रू संरचना वाले संयंत्रों के लिए परिवर्तनीय टैरिफ
आमतौर पर वार्षिक आधार पर रीसेट किया जाता है और यह सीआईएल स्रोतों से खरीद
लागत पर निर्भर करेगा, जो वैश्विक कोयले की कीमतों से सीधे नहीं जुड़ा
है।"
चौधरी ने कहा, "हालांकि, आयातित कोयले पर चलने वाले संयंत्र और
जहां बिजली व्यापारी के आधार पर बेची जा रही है, टैरिफ और बढ़ सकते हैं।
वित्तीय रूप से विवश राज्य वितरण कंपनियों की इतनी महंगी बिजली खरीदने की
क्षमता को देखने की जरूरत है।"
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के
एसोसिएट डायरेक्टर नितिन बंसल के मुताबिक, "कोयले की बढ़ती कीमतों का
निश्चित रूप से बिजली की कीमतों पर असर पड़ेगा, क्योंकि ईंधन की लागत को
डिस्कॉम से वसूलने की जरूरत है, जो अंतत: इसे अंतिम उपभोक्ताओं से वसूल
करती है।"
उन्होंने कहा, "घरेलू कोयले के मोर्चे पर, कोयले की लागत
में 10 प्रतिशत की वृद्धि से बिजली की कीमतों में 8 पैसे प्रति यूनिट की
वृद्धि होगी। जो संयंत्र पूरी तरह से आयातित कोयले पर निर्भर हैं, उनके लिए
कोयले की कीमतों में लगभग 8 डॉलर से 10 डॉलर प्रति टन की वृद्धि का प्रभाव
पड़ेगा। इस कारण लगभग 30 से 32 पैसे प्रति यूनिट लागत आएगी।"
--आईएएनएस
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