चावल उत्पादन बढ़कर 12 करोड़ टन पहुंचने की उम्मीद, पैदावार 5.9 फीसदी बढ़ने से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा
Source : business.khaskhabar.com | Nov 06, 2024 |
- रामबाबू सिंघल की रिपोर्ट -
जयपुर। हाल ही समाप्त हुए खरीफ सत्र में देश में चावल का उत्पादन लगभग 12 करोड़ टन रहने के आसार हैं। ये उत्पादन पिछले सत्र के मुकाबले 5.9 प्रतिशत अधिक रहने की उम्मीद है। केन्द्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा जारी यह जानकारी फसल वर्ष 2024-25 के लिए पहले अग्रिम अनुमान में व्यक्त की गई है।
स्थानीय सूरजपोल मंडी स्थित फर्म जगदीश नारायण रतनलाल सिंघल एंड संस के मनोज सिंघल ने बताया कि मानसूनी बारिश सामान्य से अधिक होने और धान की रोपाई का रकबा बढ़ने की वजह से चावल उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है। सिंघल ने कहा कि चावल उत्पादन बेहतर रहने से इसके निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और केन्द्र सरकार को इसके कारोबार पर फिर से प्रतिबंध नहीं लगाना पड़ेगा, जिसे हाल ही में समाप्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि सरकार ने अभी तक बासमती के एक्सपोर्ट पर टैरिफ लगाया हुआ था। इसमें निर्यातक 100 रुपए प्रति किलो से कम कीमत का चावल निर्यात नहीं कर सकते थे। इसी प्रकार मोटे चावल यानी गैर बासमती के निर्यात पर भी बैन था। सरकार ने हाल ही इस प्रतिबंध को खत्म कर दिया है। अब निर्बाध रूप से चावल का निर्यात होने लगा है।
मक्की की पैदावार भी 10.3 प्रतिशत ज्यादाः आंकड़े बताते हैं कि खरीफ की एक और प्रमुख फसल मक्की का उत्पादन भी बढ़कर 2.453 करोड़ टन रहने की संभावना है। यह पिछले सत्र से करीब 10.3 फीसदी ज्यादा है। इसकी वजह से कीमतों की कमी में मदद मिल सकती है। अनाज से एथेनॉल बनाने वालों सहित इसका इस्तेमाल करने वाले उद्योगों को पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकती है।
डिजिटल क्रॉप सर्वेः केन्द्र सरकार ने पहली बार खरीफ सीजन में रकबे का अनुमान लगाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर डिजिटल क्रॉप सर्वे (डीसीएस) किया है। उम्मीद की जा रही है कि यह गिरदावरी व्यवस्था की जगह लेगा। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और ओडिशा में सौ फीसदी जिलों में ड्रोन के माध्यम से डीसीएस पर आधारित फसल के रकबे का अनुमान लगाया गया है।
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