नई हाइड्रोकार्बन लाइसेंसिंग,मूल्य निर्धारण नीति मंजूर
Source : business.khaskhabar.com | Mar 10, 2016 | 

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरूवार को तेल एवं गैस उत्खनन की नई नीति को मंजूरी दे दी और कठिन क्षेत्रों में मौजूदा और नई खोजों के मूल्य निर्धारण के नियम भी तय कर दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में किए गए फैसले की जानकारी देते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने संवाददाताओं से कहा कि नई तेल एवं गैस उत्खनन नीति अब आय साझेदारी मॉडल पर आधारित होगी, जो पहले लागत-और-उत्पादन मॉडल पर आधारित थी।
नई नीति के तहत कठिन क्षेत्र को गहरे जल, अत्यधिक गहरे जल और उच्च दबाव-उच्च ताप वाले क्षेत्रों के रूप में परिभाषित किया गया है। 2014 में सामान्य गैस खोजों के लिए मूल्य निर्धारित किए जाते समय ऎसे क्षेत्रों पर विचार नहीं किया गया था। ऎसे अधिकांश क्षेत्र रिलायंस इंडस्ट्रीज और सरकारी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के पास हैं। तेल मंत्री ने कहा कि कई कारणों से कुछ खोजे गए क्षेत्रों में उत्पादन साझेदारी समझौते पर गत दो दशकों से हस्ताक्षर नहीं हो पाए थे।
प्रधान ने कहा,आज की मंजूरी के बाद 2,61,000 करोड रूपये के संसाधन का उत्पादन हो सकेगा। यह फैसला रोजगार सृजन, पारदर्शिता बढाने और प्रशासनिक स्वेच्छाचारिता घटाने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नई उत्खनन लाइसेंसिंग नीति के तहत एक ही लाइसेंस से पारंपरिक और नवीन (जैसे शैल गैस) दोनों ही तरह के हाइड्रोकार्बनों को उत्पादन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा,नीति में ब्लॉकों से उत्पादित कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के लिए विपणन स्वतंत्रता भी दी गई है। मंत्रिमंडल ने तेल और गैस क्षेत्र से संबंधित कुछ और फैसले भी लिए। इसके तहत पांच करोड गरीब परिवारों की महिला सदस्यों के नाम से रसोई गैस सब्सिडी दिए जाने के लिए 8,000 करोड रूपये का प्रावधान और 28 हाइड्रोकार्बन ब्लॉकों के लिए ठेके का विस्तार शामिल है।
एस्सार और ऑयल पैसिफिक यूके का ठेका रद्द...
इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने एस्सार ऑयल और ऑयल पैसिफिक यूके के कंसोर्टियम को 1996 में दिए गए रत्ना एवं आर-सीरीज फील्ड का ठेका रद्द कर दिया। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गत महीने पेश किए गए आम बजट में कहा था कि सरकार कंपनियों को उत्पादन के विपणन की आजादी देकर गैस की खोज और उत्खनन को प्रोत्साहित करेगी। जेटली ने कहा,भारत तेल एवं गैस जैसी प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। उसकी खोज और उत्खनन हालांकि हमारी क्षमता से कम रही है। देश के आयात में हाइड्रोकार्बन आयात का एक बडा हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा था,आत्मनिर्भरता हासिल करने की कोशिश के तहत सरकार गहरे जल, अत्यधिक गहरे जल और उच्च दबाव-उच्च ताप क्षेत्रों से गैस उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर विचार कर रही है, जहां अभी अधिक लागत और अधिक जोखिम के कारण उत्पादन नहीं हो रहा है। (IANS)