ग्रीस संकट पर चिंता: अमेरिका बोला-ग्रीस फिर करे वार्ता
Source : business.khaskhabar.com | July 07, 2015 | 

वाशिंगटन। अमेरिका के वित्त मंत्री जैक लियु ने टेलीफोन पर ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास और नए वित्त मंत्री यूक्लिड साकोलोटोस से बातचीत की और उन्हें अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं से फिर से बातचीत शुरू करने की सलाह दी। यह जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दी है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक अमेरिका ने ग्रीस को एक रचनात्मक समझौते पर पहुंचने के लिए कहा, ताकि ग्रीस कठिन लेकिन जरूरी वित्तीय तथा संरचनागत सुधार कर सके।
लियु ने ग्रीस के नेताओं से कहा कि अमेरिका स्थिति पर नजर रखे हुए है और अगले कुछ दिनों तक उन्होंने ग्रीस के नेताओं के संपर्क में बने रहने की पेशकश की। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांद ने भी ग्रीस संकट पर टेलीफोन पर बातचीत की है। ह्वाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा,जनमत संग्रह समाप्त हो गया है, लेकिन हमारी राय नहीं बदली है।
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि ग्रीस को यूरोजोन में बने रहना चाहिए। इसके लिए राहत पैकेज और सुधार दोनों जरूरी होगा जिससे ग्रीस की कर्ज वहनीयता भी बनी रहेगी और वह आर्थिक विकास के पथ पर भी बना रहेगा। अर्नेस्ट ने साथ ही कहा कि सहमति पर पहुंचना सभी पक्षों के हित में है, लेकिन इस चुनौती से आखिरकार यूरोप को निपटना है। यूरोपीय नेता, खासकर जर्मनी और नीदरलैंड के नेता संरचना सुधार पैकेज के साथ ग्रीस को कर्ज राहत भी देने की अमेरिकी सलाह को मानने से कतरा रहे हैं।
ग्रीस के बैंक बुध तक बंद....
एथेंस से मिली खबर के अनुसार ग्रीस सरकार ने सप्ताह भर के बैंक अवकाश को बुधवार तक के लिए बढा दिया है। वहीं सरकार मंगलवार को यूरोसमूह की एक आपात बैठक में अपनी ओर से नई राहत शर्ते पेश करेगी और मंगलवार को ही शाम को विशेष यूरोजोन बैठक में हिस्सा लेगी। उल्लेखनीय है कि रविवार के जनमत संग्रह में ग्रीस की जनता ने कर्जदाताओं की शर्तो को खारिज कर दिया है, जिसके बाद ग्रीस के यूरोजोन से बाहर निकलने की आशंका प्रबल हो गई है। ग्रीस के उप वित्त मंत्री दमित्रिस मर्दास, ग्रीक बैंक एसोसिएशन के प्रमुख लौका कत्सेली और अन्य बैंक अधिकारियों की सोमवार रात हुई बैठक के बाद बैंकों का अवकाश बढाने का फैसला किया गया। इस दौरान पेंशनभोगियों और बेरोजगारों को सामाजिक सहायता देने के लिए गत सप्ताह की भांति 1,000 बैंक शाखाएं खुली रहेंगी।
सामाजिक सहायता के तहत इन शाखाओं से हर सप्ताह अधिकतम 120 यूरो (131.50 डॉलर) की निकासी की जा सकती है, जबकि डेबिट कार्ड के जरिए एटीएम से रोजाना अधिकतम 60 यूरो की निकासी करने की सुविधा दी गई है। मंगलवार को ब्रसेल्स में हो रही बैठक के बाद सरकार अवकाश को समाप्त करने या पूंजी निकासी पर लगाए गए नियंत्रण में बदलाव करने का फैसला कर सकती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ग्रीस मंगलवार को यूरोपीय स्थिरता व्यवस्था के तहत दो साल की अवधि वाले 29 अरब यूरो के राहत कार्यक्रम का प्रस्ताव फिर से पेश कर सकता है। उसने जुलाई के शुरू में भी यह प्रस्ताव रखा था, जिसे कर्जदाताओं ने खारिज कर दिया था। यूरोपीय अधिकारियों और वित्तीय विशेषज्ञों ने 20 जुलाई से पहले समझौता कर लेने की चेतावनी दी है क्योंकि उस दिन तक ग्रीस को यूरोपीय केंद्रीय बैंक के कर्ज की 3.5 अरब यूरो की किस्त चुकानी है। ग्रीस 30 जून को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कर्ज की एक किस्त चुकाने से चूक गया था और अब उसके बकाएदारों की सूची में शामिल है।
यूरोजोन में अस्थिरता संभव...
पेरिस से मिली खबर के अनुसार फ्रांस के प्रधानमंत्री मैनुएल वाल्स ने मंगलवार को चेतावनी दी कि यूरोजोन से ग्रीस के बाहर निकलने से यूरोपीय गुट की आर्थिक स्थिति के संभलने की प्रक्रिया पटरी से उतर सकती है और क्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो सकती है। यह बात उन्होंने मंगलवार को हो रही यूरोपीय संघ के आपात शिखर सम्मेलन से पहले कही। उन्होंने कहा कि ग्रीस के वित्तीय बचाव के लिए समझौते का समुचित आधार है।
प्रधानमंत्री ने आरटीएल रेडियो से कहा, बिना राजनीतिक कारणों के हम सिर्फ आर्थिक कारण से ग्रीस का यूरोजोन से बाहर निकलने का जोखिम नहीं ले सकते हैं। सवाल यूरोप की एकजुटता का है। हम इसका अनुमान नहीं लगा सकते कि इसका राजनीतिक परिणाम क्या निकलेगा और अपमानित महसूस करने वाली ग्रीस की जनता किस प्रकार बर्ताव करेगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन में विकास की रफ्तार धीमी है और ऎसे में यूरोजोन को एकजुट और भरोसेमंद रह कर दिखाना है। वाल्स ने कहा कि गेंद अब ग्रीस के पाले में है। उसे समझौते पर पहुंचने के लिए नया प्रस्ताव पेश करना है। यह खुद ग्रीस के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यूरोजोन से बाहर निकलने पर ग्रीस की जनता अत्यधिक बुरी स्थिति में पहुंच जाएगी।
(आईएएनएस)