कोल ब्लॉक नीलामी के लिए बिल को कैबिनेट को मंजूरी
Source : business.khaskhabar.com | Dec 03, 2014 | 

नई दिल्ली। सरकार ने कोयला ब्लॉकों की नीलामी का मार्ग प्रशस्त करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। यह विधेयक कोयला ब्लॉक नीलामी अध्यादेश का स्थान लेगा। उच्चतम न्यायालय के आदेश से रद्द कोयला खानों की नीलामी शुरू करने के लिए यह अध्यादेश लाया गया था। कोयला खान (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2014 के स्थान पर लाया जा रहा यह विधेयक संसद के चालू शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जा सकता है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक सूत्र ने कहा, कैबिनेट ने विधेयक को मंजूरी दे दी है। उच्चतम न्यायालय ने सितंबर में 204 कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द कर दिया था। इनमें 42 परिचालन वाली कोयला खानें तथा 32 उत्पादन शुरू करने जा रहे ब्लॉक भी शामिल थे। सरकार ने अध्यादेश के जरिए कम से कम 74 परिचालन वाले या परिचालन शुरू करने लायक ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है। इनका आवंटन मार्च तक किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। यह उच्चतम न्यायालय द्वारा इन खानों का परिचालन कर रही कंपनियों के लिए कामकाज समेटने की तय की गई समयसीमा से पहले है।
इस अध्यादेश का भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) सहित एटक, सीटू, एचएमएस तथा इंटक ने विरोध किया है। इन यूनियनों ने निजी क्षेत्र की कंपनियों को कोयला खनन तथा उसे खुले बाजार में बिक्री का संयुक्त रूप से विरोध किया है। अभी तक यह अधिकार सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया के पास है। अध्यादेश का वाम दलों ने भी विरोध किया है। इस बीच, सरकार पहले ही कह चुकी है कि उसकी पहले चरण की बोली में 11 फरवरी को जिन 74 कोयला ब्लॉकों की अंतिम इस्तेमालकर्ताओं को नीलामी की योजना है, उन पर हरित मंजूरी की जरूरत नहीं है।
नीलामी निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए होगी, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को सीधे आवंटन के जरिए खानें मिलेंगी। सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि एक कंपनी कितनी खानों के लिए बोली लगा सकती है, उसकी सीमा रहेगी, जिससे एकाधिकार से बचा जा सके। सरकार ने पिछले सप्ताह पहले चरण की निविदा में 74 ब्लॉकों की नीलामी व आवंटन की घोषणा की थी। इन ब्लॉकों में 21 करोड टन कोयला उत्पादन की क्षमता है।