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प्याज की बंपर फसल, रिकॉर्ड 2 लाख टन बफर स्टॉक बनाएगी सरकार

Source : business.khaskhabar.com | Mar 09, 2021 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 bumper crop of onion government to create record 2 lakh tonne buffer stock 471176नई दिल्ली। प्याज की महंगाई अब इस साल देश के उपभोक्ताओं के जेब मे सुराग नहीं बना पाएगी, क्योंकि प्याज की बंपर पैदावार है और आवक भी जोर पकड़ने लगी है। वहीं, सरकार प्याज के रिकॉर्ड दो लाख टन बफर स्टॉक बनाने जा रही है, ताकि बरसात के दौरान प्याज के ऑफ-सीजन में सप्लाई का टोटा न पड़े और दाम को काबू में रखा जा सके।

केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि इस प्याज का रिकॉर्ड बफर स्टॉक बनाने का मकसद किसानों को अच्छा दाम दिलाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं का भी ख्याल रखना है। अधिकारियों का कहना है कि ऑफ सीजन में प्याज की पर्याप्त उपलब्धता रहने से कीमतों पर नियंत्रण बना रहेगा। यही नहीं, भंडारण का भी ध्यान रखा जाएगा, ताकि बफर स्टॉक में प्याज खराब न हो।

प्याज की सरकारी खरीद पहले सिर्फ तीन प्रदेशों से की जाती थी, लेकिन इस साल सरकार ने चार और राज्यों से प्याज खरीद करने की योजना बनाई है।

भारत सरकार की नोडल खरीद एजेंसी नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी नैफेड इस साल दक्षिण भारत के चार प्रमुख उत्पादक राज्य तमिलनाडु, कर्नाटक, आंधप्रदेश और तेलंगाना से भी प्याज खरीदेगी।

नैफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर यानी प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने कहा कि इस साल सात राज्यों से प्याज की खरीद की जाएगी, जिनमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात के अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक, आंधप्रदेश और तेलंगाना भी शामिल हैं।

नैफेड के प्रबंध निदेशक ने आईएएनएस को बताया कि इस साल दो लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाने की योजना है, जोकि पिछले साल से दोगुना है। उन्होंने कहा कि प्याज इतना बड़ा बफर स्टॉक पहले कभी नहीं बनाया गया था।

बता दें कि पिछले साल सरकार ने एक लाख टन प्याज का बफर स्टॉक की योजना बनाई थी जबकि सीजन के दौरान करीब 95,000 टन के करीब प्याज की खरीद की गई थी।

संजीव चड्ढा ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि, "नैफेड ने अपनी भंडारण क्षमता में भी 50,000 टन का इजाफा किया है और उत्पाद क्षेत्रों में ही भंडारण की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्याज की सरकारी खरीद अगले महीने अप्रैल से शुरू होगी।"

प्याज की महंगाई को लेकर पूछे गए सवाल पर चड्ढा ने कहा, "प्याज के दाम को पिछले साल भी जल्द ही काबू कर लिया गया था और इस साल पहले से ही तैयारी है, इसलिए दाम बेकाबू होने की कोई गुंजाइश नहीं होगी।"

देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में प्याज का खुदरा भाव इस समय भी 50 रुपये प्रति किलो के आसपास है। नैफेड के प्रबंध निदेशक ने कहा कि मंडियों में जैसे-जैसे आवक बढ़ रही है प्याज का भाव घट रहा है और आने वाले दिनों में दाम और कम होगा।

केंद्र सरकार के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्याज की सरकारी खरीद से किसानों को लाभ मिलेगा, क्योंकि इसमें कोई बिचैलिया नहीं होता है और प्याज का दाम सीधे किसानों के बैंक खाते में जाता है। इस तरह किसानों को उचित भाव मिलता है और उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलती है।

अधिकारी ने बताया कि प्याज के भंडारण की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है, जिससे ज्यादा समय तक फसल को सुरक्षित रखा जा सके।

देश में प्याज भंडारण की समस्या के समाधान के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में इन्फ्रास्ट्रक्च र तैयार किए जा रहे हैं। महाऑनियन भारत का पहला प्याज स्टोरेज व मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्च र है, जिसे पीपीपी मॉडल में तैयार किया गया।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बागवानी फसलों के उत्पादन के चालू फसल वर्ष 2020-21 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में इस साल प्याज का उत्पादन 262.29 लाख टन हो सकता है, जबकि पिछले साल प्याज का उत्पादन 260.90 लाख टन हुआ था। (आईएएनएस)

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