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भुगतान बैंकों और लघु ऋण बैंकों के लिए अंतिम दिशानिर्देश जारी : आरबीआई

Source : business.khaskhabar.com | Nov 28, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 RBI issues final norms for payment small finance banksमुंबई। देश में नई तरह के बैंक स्थापित करने की दिशा में पहल करते हुए रिजर्व बैंक ने गुरूवार को भुगतान बैंकों और छोटा कर्ज देने वाले लघु वित्त बैंकों के लिए अंतिम दिशानिर्देश जारी कर दिए। इन दिशानिर्देशों के तहत मोबाइल कंपनियां, सुपरमार्केट श्रंखला वाली कंपनियों सहित अन्य इकाइयां बैंकिंग क्षेत्र में उतर सकतीं हैं। ये इकाइयां व्यक्तियों और छोटे मोटे व्यवसाय की कर्ज जरूरतों को पूरा करेंगी। रिजर्व बैंक के अनुसार उसकी इस पहल से देश में वित्तीय समावेश को और गहरा तथा व्यापक बनाने में मदद मिलेगी और बचत को बढावा मिलेगा। केन्द्रीय बैंक ने यह कदम इस साल अप्रैल में दो कंपनियों को पूर्ण बैंकिंग लाइसेंस देने के सात महीने बाद उठाया है। मोबाइल आपरेटर कंपनियां, सुपर मार्केट चेन और रीयल एस्टेट सहकारी समितियां "भुगतान बैंक" स्थापित कर सकेंगी जबकि मौजूदा गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त ऋणदाता सहित ऎसी ही अन्य कंपनियां लघु ऋण बैंक के लिए आवेदन कर सकेंगी। इन दोनों श्रेणियों के नई तरह के बैंकों की स्थापना के लिए न्यूनतम चुकता पूंजी 100-100 करोड रूपए रखी गई है जबकि लघु वित्त बैंकों को यह सुविधा भी दी गई है कि जरूरी शतेंü पूरी करने पर वे सामान्य बैंकों में भी परिवर्तित हो सकते हैं। रिजर्व बैंक ने इस साल की शुरआत में दो नए बैंकों के लिए लाइसेंस को मंजूरी दी थी।

आईडीएफसी और बंधन को करीब एक दशक के अंतराल के बाद बैंक लाइसेंस की मंजूरी दी गई। रिजर्व बैंक ने कहा कि लघु ऋण बैंकों की स्थापना का मकसद बचत को बढावा देने के साथ साथ छोटी व्यावसायिक इकाइयों, लघु और सीमांत किसानों, सूक्ष्म और लघु उद्योगों तथा दूसरे असंगठित क्षेत्र की इकाइयों को कर्ज उपलब्ध कराना है। यह काम उच्च प्रौद्योगिकी और कम लागत की व्यवस्था के जरिए किया जाएगा। बैंकिंग और वित्त के क्षेत्र में दस साल का अनुभव रखने वाला कोई भी व्यक्ति अथवा पेशेवर लघु वित्त बैंक की स्थापना कर सकता है। इसके अलावा देश के निवासियों द्वारा चलाई जाने वाली और नियंत्रित कंपनियां और सोसायटियां भी लघु बैंक स्थापित करने के लिए पात्र होंगी।

निवासी भारतीयों के नियंत्रण और मालिकाना हक वाली मौजूदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), सूक्ष्म ऋण संस्थान (एमएफआई) और स्थानीय क्षेत्र बैंक (एलएबी) भी लघु ऋण सुविधा वाले बैंकों में परिवर्तित हो सकते हैं। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि पेशेवर अनुभव और मजबूत ट्रैक रिकार्ड रखने वाले ऎसे प्रवर्तक अथवा प्रवर्तक समूह जिन्होंने कम से कम पांच साल अपना कारोबार बखूबी चलाया है, वे भी लघु वित्त बैंकों की स्थापना के लिए पात्र होंगे। रिजर्व बैंक के भुगतान बैंक और लघु ऋण बैंक स्थापित करने के लिये अंतिम दिशानिर्देश जारी करने के साथ ही मानदंडों पर फिट बैठने वाली कंपनियों ने इस दिशा में रचि दिखानी भी शुरू कर दी है। श्रीराम कैपिटल और मुथूट फाइनेंस ने आज इस तरह के बैंक स्थापित करने में रूचि दिखाई। हालांकि, इन कंपनियों ने कहा है कि वे दिशानिर्देशों के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद ही रिजर्व बैंक के पास लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगी।