विदेशी रक्षा कंपनियों को भारत से साझेदारी का आमंत्रण
Source : business.khaskhabar.com | Feb 19, 2015 | 

बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विदेशी रक्षा कंपनियां सिर्फ एक विक्रेता की भूमिका नहीं निभाएं, बल्कि देश के लिए रणनीतिक साझीदार भी बनें, क्योंकि भारत उनसे प्रौद्योगिकी, कौशल, प्रणाली एकीकरण और विनिर्माण की ताकत हासिल करना चाहता है। मोदी ने रक्षा व्यापार मेला "एयरो इंडिया 2015" के 10वें संस्करण के उद्घाटन अवसर पर कहा, ""विदेशी कंपनियां विक्रेता से रणनीतिक साझीदार बनें और भारत को अपनी वैश्विक आपूर्ति शृंखला का हिस्सा बनाएं।"" उनके संबोधन के वक्त कई देशों के रक्षा मंत्री और वायु सेना प्रमुख मौजूद थे। उन्होंने कहा कि देश का सस्ता विनिर्माण और इंजीनियरिंग सेवा क्षेत्र विदेशी कंपनियों को लागत घटाने में मदद कर सकता है। भारतीय वायु सेना के येलाहांका केंद्र पर चल रही पांच दिवसीय प्रदर्शनी में मोदी ने दुनिया भर की एयरोस्पेस कंपनियों से कहा, ""एशिया और उससे बाहर हमारी बढ़ती रक्षा साझेदारी के कारण भारत यहां से दूसरे देशों को किए जाने वाले निर्यात का गढ़ भी हो सकता है।
मजबूत रक्षा उद्योग से हम सुरक्षित तो होंगे ही, समृद्ध भी होंगे।"" रक्षा व्यापार मेले में देश-विदेश की 600 कंपनियां शिरकत कर रही हैं। मेले में 110 देशों ने हिस्सा लिया है। इसमें शामिल होने के लिए अमेरिका से 64 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है। फ्रांस से 58 सदस्यीय, ब्रिटेन से 48 सदस्यीय, रूस से 41 सदस्यीय और इजरायल से 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है। उन्होंने कहा कि भारत रक्षा उत्पादों का सबसे ब़डा आयातक है, लेकिन भारत इस क्षेत्र में अव्वल स्थान पर बना नहीं रहना चाहता। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए रक्षा बल के आधुनिकीकरण के द्वारा देश की रक्षा तैयारी को बेहतर करने की जरूरत है। प्रदर्शनी के बारे में उन्होंने कहा, ""मेरे लिए, यह सिर्फ रक्षा उपकरणों का एक व्यापार मेला ही नहीं है, बल्कि अपने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को पेश करने का एक मंच भी है।"" उन्होंने कहा, ""एक मजबूत रक्षा उद्योग वाला देश सुरक्षित तो होता ही है, उसके आर्थिक फायदे भी उठाता है।""
प्रधानमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र में रक्षा उद्योग अभी छोटा है और हमारे करीब 60 फीसदी रक्षा उपकरणों का आयात किया जाता है। उन्होंने कहा कि 20-25 फीसदी आयात की कमी भी एक लाख से 1.2 लाख अत्यधिक कौशलपूर्ण रोजगार का सृजन कर सकती है। उन्होंने कहा, ""अगर हम अगले पांच वर्षो में घरेलू उत्पादन में 40 से 70 फीसदी की वृद्धि कर सकते हैं, तो यह हमारे रक्षा उद्योग के उत्पादन को दोगुना कर देगा।"" मोदी ने कहा, ""यही वजह है कि यह हमारे "मेक इन इंडिया" का मुख्य हिस्सा है।"" मेले में कई विमानों ने अपनी उ़डान क्षमता का प्रदर्शन किया। कुल 72 सैन्य विमानों को यहां उ़डान और स्थिर प्रदर्शनी के लिए लगाया गया है। इसमें बोइंग के पी8-ए समुद्री टोही विमान और केसी-135 टैंकर और ब्राजील के एंब्राएयर के ईएमबी-145 विमान भी शामिल हैं। इसके अलावा 17 असैन्य विमानों की भी प्रदर्शनी लगी है, जिसमें बिजनेस जेट और हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं।