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किर्लोस्कर ने पर्यावरण अनुकूल चिलर्स की नई रेंज लांच की

Source : business.khaskhabar.com | Dec 05, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Kirloskar launches new range of environmentally friendly chillersनई दिल्ली| किर्लोस्कर चिलर्स ने एक नई पर्यावरण अनुकूल चिलर्स की टबोर्लेव श्रंखला पेश की। इसमें चुम्बकीय शक्ति वाला अपकेंद्री कंप्रेसर यानि मैग्नेटिक बीयरिंग सेंट्रिफ्यूगल कंप्रेसर लगा है। टबोर्लेव श्रंखला में एकल तथा दोहरा कंप्रेसर विन्यास लगा है, जिसकी प्रसार क्षमता 95 टीआर से 375 टीआर तक की है। इसमें ऊर्जा की काफी कम खपत होती है तथा परंपरागत स्क्रू शीतकारकों की अपेक्षा 18-20 प्रतिशत बिजली की बचत होती है।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि आगामी वित्त वर्ष के दौरान कंपनी को टबोर्लेव के माध्यम से 13 से 15 प्रतिशत अधिक कारोबार करने की उम्मीद है।

बयान में कहा गया है कि आनेवाले वर्षों में यूएस ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (यूएसजीबीसी), इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आइजीबीसी) या ग्रीन रेटिंग फॉर इंटिग्रेटेड हैबिटैट असेस्मेंट (जीआरआइएचए) की प्रमाणन पद्धति के अनुसार पर्यावरण हितैषी भवनों के लिए टबोर्लेव सबसे सुसंगत समाधान साबित होगा।

टबोर्लेवक्त चिलर्स की खूबियों में शामिल हैं शानदार ऊर्जा बचत क्षमता, जिसकी बदौलत कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है। तेल रहित संचालन के कारण कम्प्रेसर के परिचालन हेतु चिकनाई की आवश्यकता नहीं है। इसे चालू करने पर कम विद्युत खर्च होता है। आवाज रहित परिचालन के कारण सघन आबादी वाले स्थानों के लिए उपयुक्त है।

कंपनी के अध्यक्ष राहुल किर्लोस्कर ने कहा, "मुझे गर्व है कि आज 3000 चिलर्स/5,00,000 टीआर के साथ किर्लोस्कर चिलर्स शीतकारक उद्योग में एक स्थापित ब्रांड बन चुका है। हमारे अनेक प्रतिष्ठित ग्राहक हैं और अब हम भारत के बाहर, यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में भी अपने उत्पाद निर्यात कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें पक्का भरोसा है कि भविष्य में चुम्बकीय बीयरिंग टेक्नोलॉजी का ही बोलबाला रहेगा और देश में सर्वोच्च शीतकारक कंपनी बनना ही कंपनी का सपना है।

आईजीबीसी (इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) के अध्यक्ष प्रेम सी. जैन ने कहा कि आगामी 30 वर्षों में भारत में निर्माण क्षेत्र वर्तमान 25 अरब वर्गफुट से बढ़कर 100 अरब वर्गफुट हो जाएगा, जिसमें अधिकांश की संरचना पर्यावरणहितैषी अर्थात ऊर्जा सक्षम मानकों के अनुरूप होगी। हालांकि इसमें से अनेक भवनों में एयरकंडीशनरों की जरूरत नहीं भी हो सकती है, तब भी एक बड़े अनुपात में एयरकंडीशन प्रणाली की आवश्यकता होगी और उन सभी के लिए चिलर्स की जरूरत पड़ेगी।