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जीएसटी: राज्यों को मिलेगा एक फीसदी अतिरिक्त कर

Source : business.khaskhabar.com | Dec 22, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 GST: states to get one percent additional tax as compensationनई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को फिर एक बार राज्यों को यह भरोसा दिलाया कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के कारण उन्हें एक रूपये का भी घाटा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि केंद्र ने एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश करने वाले उत्पादों पर एक फीसदी अतिरिक्त कर लगाने का प्रस्ताव रखा है, जिस पर वैट नहीं लगेगा और इस कर से होने वाली वसूली राज्यों को दी जाएगी। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक यह बात जेटली ने सोमवार को संसद की परामर्शदात्री समिति से कही। उनके मुताबिक, यह कर एक फीसदी से अधिक नहीं होगा और यह दो साल तक लगाया जाएगा, जिसे जीएसटी परिषद की सिफारिश पर आगे भी विस्तारित किया जा सकता है।

बयान के मुताबिक,इस कर से होने वाली आय उस राज्य को दी जाएगी, जहां उत्पाद की उत्पत्ति हुई होगी। जीएसटी लागू होने के कारण राज्यों को होने वाले किसी भी नुकसान के लिए केंद्र राज्यों को पांच साल तक भरपाई करेगा। मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में संविधान संशोधन विधेयक में प्रावधान किया गया है। मंत्री ने कहा कि क्षतिपूर्ति धीरे-धीरे घटती जाएगी, यानी, प्रथम तीन साल तक पूरा-पूरा भुगतान किया जाएगा। चौथे वर्ष 75 फीसदी और पांचवें साल 50 फीसदी क्षतिपूर्ति की जाएगी। बता दें, जीएसटी विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया। जेटली ने सदन में कहा था कि केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) घटाने से राज्यों को होने वाले नुकसान की आंशिक भरपाई के तौर पर केंद्र राज्यों को 11 हजार करोड रूपये देगा। इससे पहले उन्होंने सदन में कहा था कि राज्यों के करीब 34 हजार करोड रूपये की क्षतिपूर्ति बकाए का भुगतान केंद्र तीन साल में करेगा।

एक अप्रैल 2005 में राज्य स्तर पर वैट लगाए जाने के बाद से सीएसटी को धीरे-धीरे 4 फीसदी से घटाकर दो फीसदी कर दिया गया। जीएसटी लागू किए जाने के लिए विधेयक को संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पारित किए जाने और 29 राज्यों में से आधे के विधानसभा में भी पारित किए जाने की जरूरत है। जीएसटी लागू होने के बाद उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट, बिRी कर जैसे केंद्र और राज्यों के अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जाएंगे। इससे कंपनियों को देश भर में कारोबार फैलाने में सुविधा होगी जिससे महंगाई भी कम होगी।