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सीमा शुल्क में छूट चाहता है आईटी उद्योग

Source : business.khaskhabar.com | Jan 28, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Customs duty wants exemption IT industryनई दिल्ली। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग चाहता है कि सरकार आयातित इलेक्ट्रॉनिक्स कल-पुर्जो पर चार प्रतिशत उत्पाद शुल्क हटा समाप्त कर दे। आईटी जगत का मानना है कि इससे बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव प़ड रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माता संघ (एमएआईटी) के कार्यकारी निदेशक अनवर शिरपुरवाला ने आईएएनएस से कहा, "हमने सरकार से देश में आयात किए जाने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक्स कल-पुर्जो से चार प्रतिशत का विशेष अतिरिक्त शुल्क (एसएडी) हटाने की सिफारिश की है। बिजली के कल-पुर्जो के आयात की तुलना में तैयार उत्पाद ज्यादा सस्ते हैं।" एमएआईटी भारत के आईटी हार्डवेयर उद्योग की शीर्ष संस्था है।

एमएआईटी ने अपनी बजट सिफारिशों में कहा है, "एसएडी हटाने से विपरीत शुल्क संरचना में सुधार होगा, किसी घरेलू विनिर्माता को सीमा शुल्क लागत के लिहाज से एक कारोबारी के समतुल्य ख़्ाडा किया जा सकेगा, भारत के सभी आईटीए (सूचना प्रोद्यौगिकी समझौते) वस्तु विनिर्माताओं को प्रोत्सान मिलेगा और उनके लिए एक मैदान तैयार होगा।" विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) की अगुवाई में आईटीए विभिन्न उत्पादों में बिना किसी शुल्क और करों के व्यापार की गारंटी देता है। आईटी और संचार मंत्रालय का अनुमान है कि भारत में आईटी हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग वर्ष 2020 तक 400 अरब डॉलर तक जा सकती है। घरेलू उत्पादन की मौजूदा दर और आधार के साथ, उम्मीद है कि देश में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 320 अरब डॉलर मूल्य के आईटी हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स आयात किए जा सकते हैं।

भारत अपनी सभी इलेक्ट्रॉनिक्स खपत का लगभग आयात करता है। 2014 में लगभग 12.5 अरब डॉलर हार्डवेयर की भारत में खपत हुई। कुल खपत के सिर्फ पांच प्रतिशत का ही यहां विनिर्माण होता है। आईटी उद्योग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन मुख्य कार्यक्रमों -डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्मार्ट शहर- को लेकर आश्वस्त है। एमएआईटी की ये सिफारिशें भारत में कारोबार करने में सहूलिय देने पर भी केंद्रित हैं। सिफारिश में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह कारोबार और व्यापार के दृष्टिकोण को जानने, समझने और उस पर चर्चा के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक का मसौदा जल्द सामने लेकर आए। आईटी उद्योग के हितधारकों ने इस बात को भी रेखांकित किया है कि सरकार सीमा शुल्क मंजूरी में लगने वाला समय कम करे।