एशिया में बाहरी झटकों से उबरने की क्षमता : मूडीज
Source : business.khaskhabar.com | Jan 27, 2015 | 

चेन्नई। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज के अनुसार, साल 2015 में वृहद वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के प्रति एशिया का रूख लचीला रहेगा। साथ ही इसमें बाहरी झटकों से उबरने की क्षमता होगी। मूडीज ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बाहरी झटकों के प्रति एशिया कम संवेदनशील है और विश्व के कई क्षेत्रों की तुलना में इसके मूलभूत तत्व ज्यादा बेहतर हैं। मूडीज के मुख्य क्रेडिट अधिकारी माइकल टेलर ने कहा, ""यूरोपीय क्षेत्र तथा जापान में विकास दर धीमी रहने और चीन में जारी आर्थिक सुस्ती का असर अमेरिका में बेहतर संभावनाओं पर भी प़डा है और इसलिए वैश्विक विकास दर सुस्त है।""
मूडीज के मुताबिक, 2015 की वैश्विक चुनौतियों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति को सामान्य बनाने के लिए कदम उठाना, कमोडिटीज की कम कीमतें तथा चीन का पुनर्सतुलन शामिल है। हालांकि 2015 में मूडीज को एशिया प्रशांत क्षेत्र में सामान्य पूंजी निवेश की उम्मीद है। मूडीज के मुताबिक विदेशी कर्ज लागत ऎतिहासिक मानदंडों से नीचे ही बनी रहेगी। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, तेल आयातक के रूप में एशिया की स्थिति और सरकार द्वारा सब्सिडी कम करने के अवसर से स्पष्ट है कि कच्चो तेल की घटती कीमतें इस क्षेत्र के लिए सकारात्मक है।
हालांकि मूडीज ने आगामी साल के लिए चार मुख्य जोखिम बताए हैं। इसमें चीन में संपत्ति की कीमतों में उम्मीद से ज्यादा गिरावट, कुछ क्षेत्रों को अधिक लाभ, नई यूरो क्षेत्र से संबंधित चिंताएं और वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता में बढ़ोतरी शामिल है। मूडीज ने कहा कि यदि 2015 के दौरान ब्याज दरों में इजाफा किया गया तो मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर और अन्य एशियाई देशों के कुछ क्षेत्रों में जीडीपी अनुपात के समकक्ष घरेलू कर्ज एक चिंता बन सकती है।