निवेशकों का धन नहीं लौटाने पर 700 कंपनियों पर रिजर्व बैंक की नजर
				Source : business.khaskhabar.com | Nov 29, 2014 | 
 
				
नई दिल्ली। कथित तौर पर निवेशकों का धन नहीं लौटाने के मामले में देशभर में  फैली 700 कंपनियां रिजर्व बैंक की जांच के दायरे में आ गई हैं। उधर,  रिजर्व बैंक उन संभावित गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) का पता  लगाने की प्रक्रिया में लग गया है जो कि बिना उचित पंजीकरण के काम कर रही  हैं। अवैध धन संग्रह गतिविधियों के जरिए लोगों के ठगे जाने की बढती घटनाओं  के मद्देनजर यह कार्रवाई शुरू की गई है। 
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने लोकसभा  को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया, "रिजर्व बैंक ने बताया है कि  विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में काम कर रही करीब 701 कंपनियों  हैं जो कि रिजर्व बैंक के पास पंजीकृत नहीं हैं और पिछले तीन कैलेंडर वषों  तथा इस साल 20 नवंबर तक इनके खिलाफ निवेशकों के धन का भुगतान नहीं करने की  शिकायतें मिली हैं या फिर रिजर्व बैंक ने इनपर गौर किया है।"
 ये कंपनियां  अहमदाबाद, बेंगलुरू, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ, चेन्नई, गुवाहटी, जयपुर,  हैदराबाद, कानपुर, कोलकाता, मुंबई, नई दिल्ली, पटना और तिरूवनंतपुरम में  फैली हैं। कापरेरेट कार्य मंत्रालय ने दिसंबर 2012 में रिजर्व बैंक को  34,754 कंपनियों की सूची भेजी और कहा कि ये कंपनियां संभवत: जरूरी पंजीकरण  के बगैर ही एनबीएफसी कंपनियों के तौर पर काम कर रही हैं। 
रिजर्व बैंक ने  जांच में पाया कि इनमें से 4,102 कंपनियां एनबीएफसी के तौर पर पंजीकृत हैं  जबकि 14,323 कंपनियों को रिजर्व बैंक में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।  जबकि 5,912 कंपनियां ऎसी हैं जो कि पहली नजर में लगता है कि ऎसा काम कर रही  हैं जो कि एनबीएफसी गतिविधियां हैं और उन्हें रिजर्व बैंक में पंजीकरण की  आवश्यकता है।