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नकारात्मक वैश्विक संकेतों से शेयर बाजारों में रही निराशा

Source : business.khaskhabar.com | Apr 03, 2016 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 negative global cues subdue equity markets 26023मुंबई। अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका और डेरिवेटिव सौदों के समापन से भारतीय बाजारों में इस सप्ताह निराशा का रुख देखा गया।

निवेशकों में घरेलू फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में चल रहे मुद्दों और आने वाले मैक्रो-इकानॉमिक आंकड़ों को लेकर भय का माहौल रहा। इसके अलावा नकारात्मक वैश्विक संकेतों जैसे यूरोप में अपस्फीति, चीन में मंदी और कच्चे तेल के दाम में गिरावट के कारण निवेशकों ने बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया।

हालांकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष जेनेट येलेन की सकारात्मक टिप्पणियों से विदेशी निवेश की ठीकठाक आवक के कारण निवेशकों में बाजार से धन निकालने की ज्यादा हड़बड़ी नहीं मची और मुख्य सूचकांकों में गिरावट कम रही।

अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना धन खींचकर अमेरिकी बाजारों में लगाने की संभावना है। जिसकी आशंका से भारतीय बाजार की तेजी थम जाती है।

इसके अलावा मंगलवार को उठाए गए आर्थिक सुधार के कदम के तहत ई-कॉमर्स में सौ फीसदी विदेशी पूंजी निवेश की अनुमति ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाने का काम किया है।

इस कदम से न सिर्फ विदेशी मल्टीब्रांड रिटेल कंपनियों जैसे अमेजन और ईबे को फायदा होगा, बल्कि विदेशी एकब्रांड स्टोरों जैसे एडिडास, आईकिया और नाइके को भी लाभ मिलेगा।

इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने भी बाजार को संभाले रखा है।

आरबीआई साल 2016-17 की अपनी पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा 5 अप्रैल को करने जा रहा है जिसमें दरों की कटौती की संभावना जताई जा रही है।

शेयर बाजार में यह सप्ताह काफी उतार-चढ़ाव का रहा। इसके कारण बंबई स्टॉक एक्सचेंज की 30 प्रमुख संवेदी सूचकांक सपाट बंद हुआ और यह 68 अंक या 0.26 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 25,269.64 अंक पर बंद हुआ।

वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 प्रमुख संवेदी सूचकांक 3.45 अंक या 0.04 फीसदी गिरकर 7,713.05 अंक पर बंद हुआ। (IANS)

जियोजित बीएनपी पारिबास फाइनेंसियल सर्विस के चीफ मार्केट स्ट्रेटेजिस्ट आनंद जेम्स ने आईएएनएस को बताया, ‘‘फेड के अध्यक्ष द्वारा मंगलवार को की गई सर्तक टिप्पणी ने वैश्विक बाजारों को शांत कर दिया है। इसके अलावा भारतीय बाजारों में उतारचढ़ाव का मुख्य डेरिवेटिव सौदों की अवधि का पूरा होना रहा।’’

एंजल ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष और शोध प्रमुख वैभव अग्रवाल ने बताया कि निवेशकों में दूसरी तिमाही में उम्मीद से कम नतीजे मिलने के डर के कारण वे मुनाफे की उम्मीद खो रहे हैं।

अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया, ‘‘शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का रुख रहा जबकि एक ही दिन पहले इसने तीन महीने में सबसे ज्यादा की ऊंचाई छुई थी। क्योंकि निवेशक अगली तिमाही में कमजोर नतीजों की आशंका से डरे हुए हैं।’’