GST बिल आधे यानी16 राज्यों में पारित
Source : business.khaskhabar.com | Sep 01, 2016 |
नई दिल्ली। ओडिशा गुरूवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन
विधेयक को मंजूरी देने वाला 16वां राज्य बन गया। कानून के रूप में दर्ज
होने के लिए अब यह संविधान संशोधन विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजे
जाने को तैयार है। इस तरह अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में आमूल बदलाव लाने वाले
इस विधेयक को देश के आधे से ज्यादा राज्यों का अनिवार्य समर्थन प्राप्त हो
गया है। केंद्र की योजना इसे 1 अप्रैल 2017 से लागू करने की है।
गोवा बुधवार को जीएसटी विधेयक को मंजूरी देने वाला15वां राज्य बना। यदि इस
हफ्ते के शुरू में पश्चिम बंगाल विधानसभा से इसे मंजूरी मिल गई होती तो इसे
राष्ट्रपति की सहमति के लिए और पहले ही भेज दिया जाता। लेकिन, पश्चिम
बंगाल विधानसभा सोमवार को एक दिन के विशेष सत्र में समय की कमी की वजह से
इसे पारित नहीं कर सकी।
कांग्रेस का मुद्दा उद्योग जगत ने भी उठाया...इस बीच राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की जीएसटी पर
सोमवार को यहां हुई बैठक में भारतीय उद्योग जगत ने 18 प्रतिशत स्टैंडर्ड
रेट की बात उठाई। उन्होंने कहा कि इस दर से मुद्रास्फीति में बिना वृद्धि
किए ही कर में पर्याप्त बढोतरी होगी। पहले ही विपक्षी कांग्रेस जीएसटी में
18 प्रतिशत उच्चतम कर दर की मांग कर चुकी है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की ) ने सुझाव
दिया कि महंगाई और कर चुकाने से बचने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए मेरिट
रेट को कम और स्टैंडर्ड रेट को जायज सीमा के अंदर रखा जाए।
फिक्की ने एक
बयान में कहा,मौजूदा सूचना और संकेतों के मुताबिक वस्तुओं को उनके मेरिट
रेट (12 प्रतिशत) , स्टैंडर्ड रेट (18 प्रतिशत) और डी-मेरिट रेट (40
प्रतिशत) को ध्यान में रखते हुए श्रेणियों में रखा जाएगा। वस्तुओं पर
जीएसटी लागू करने के संदर्भ में फिक्की ने कहा कि कुछ निश्चित वस्तुओं को
जीएसटी से छूट दी जाएगी, जबकि सर्राफा और आभूषणों पर एक से दो प्रतिशत
शुल्क लिया जाएगा।
(आईएएनएस)