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भारत में विदेशी कंपनियों के बढ़ते निवेश ने चीन की चिंता बढ़ाई

Source : business.khaskhabar.com | Jan 05, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 china concerned by growing investment in india 152275बीजिंग। भारत के प्रति बड़ी विदेशी कंपनियों के बढ़ते रुझान से चीन काफी चिंतित हैं। चीनी मीडिया ने सरकार को इस बात के लिए आगाह किया है और उसे अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने का सुझाव दिया है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एप्पल कंपनी द्वारा गुजरात में निर्माण ईकाई खोलने पर चिंता जाहिर की और कहा, यदि एप्पल भारत में निर्माण बढ़ाता है तो उस जैसी दूसरी वैश्विक कंपनियां भी भारत की ओर आकर्षित होंगी। इसका चीन की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर होगा।
हाल ही में एप्पल कंपनी ने भारत में आकर निवेश करने और यहां एक प्लांट बनाने की बात की है। अखबार के मुताबकि, भारत में चीन के मुकाबले कम कीमत में ज्यादा कामगार उपलब्ध हैं इसलिए कंपनियों का भारत की तरफ रूझान बढ़ रहा है। अखबार ने सरकार को सलाह देते हुए कहा, चीन को जल्द से जल्द विनिर्माण क्षमता बढ़ाने को कोशिश करनी चाहिए, ताकि विदेशी कंपनियां अधिक आकर्षित हों, क्योंकि यदि चीन में विनिर्माण क्षेत्र पर असर हुआ तो लाखों लोगों की नौकरियां जाएंगी। भारत से मुकाबले के लिए चीन को घरेलू विनिर्माण तकनीकों में भी तेजी से बदलाव करना होगा।
भारत से पिछड़ सकता है चीन
चीन काफी समय से दुनियाभर में विनिर्माण का मुख्य पावरहाउस बना हुआ है। यदि विदेशी कंपनियां इसी तरह भारत की तरफ आकर्षित होती रहीं तो विनिर्माण क्षेत्र में चीन पिछड़ सकता है। अखबार ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर भी चीन सरकार को सचेत किया। ट्रंप ने भी कंपनियों से गुजारिश की है कि वो अमेरिका में ही विनिर्माण करें जिससे अमेरीकियों को नौकरियां मिलती रहें।
एप्पल को लुभा रहा भारत
एप्पल बेंगलुरु में आईफोन का निर्माण करेगा। ताइवान की विस्ट्रॉन एप्पल की ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर कंपनी है। विस्ट्रॉन ने बेंगलुरु में आईफोन निर्माण के लिए सेंटर स्थापित करने का काम शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि अप्रैल 2017 से यहां काम शुरू हो जाएगा।  एप्पल की विनिर्माण कंपनी फॉक्सकान भी भारत में पहली विनिर्माण ईकाई खोलेगी। यह ईकाई अहमदाबाद में होगी। इसकी घोषणा 10 जनवरी को वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में की जा सकती है।
12.5 फीसदी आयात शुल्क बचेगा
एप्पल को भारत में अपने उत्पाद बेचने के लिए फिलहाल 12.5 फीसदी आयात शुल्क चुकाना पड़ता है। स्थानीय विनिर्माण शुरू होने पर कंपनी को यह टैक्स नहीं देना होगा और कम कीमत पर भारत में एप्पल फोन बिक सकेंगे।
एप्पल की राह पर जिओनी भी
चीनी मोबाइल विनिर्माता कंपनी जिओनी भी भारत में 500 करोड़ रुपये की लागत से फरीदाबाद में 50 एकड़ में विनिर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बना रही है। इस इकाई की उत्पादन क्षमता तीन करोड़ हैंडसेट प्रति वर्ष होगी। दो साल में यहां काम शुरू हो जाएगा।

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