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सुब्रत रॉय की आयकर मामले में सुनवाई 14 जुलाई को

Source : business.khaskhabar.com | Jun 02, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Subrat Rai court hearing on 14 july, Must Read  नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय और अन्य के खिलाफ आयकर मामले की सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख तय की है। रॉय इस समय तिहाड जेल में हैं। यह मामला समूह की एक कंपनी द्वारा 2013-14 आकलन वर्ष के लिए रिटर्न नहीं जमा कराने से संबंधित है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में सुनवाई पर दो जुलाई तक रोक लगाई है। इसके मद्देनजर अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) देवेंद्र कुमार शर्मा ने मामले की सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। अदालत ने इससे पहले 24 मार्च को रॉय के खिलाफ पेश होने के लिए वॉरंट जारी किया था। इसके अलावा सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन लि. के दो निदेशकों जे बी रॉय व रनोज दास गुप्ता द्वारा समन के बाद भी उपस्थित नहीं होने के लिए जमानती वॉरंट जारी किया था। इन तीनों के अलावा आयकर विभाग ने कंपनी और एक अन्य निदेशक ओ पी श्रीवास्तव को भी आरोपी बनाया है। सुब्रत रॉय, जे बी रॉय और रनोज दास गुप्ता ने निचली अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगा दी थी।

इसके अलावा तीन के खिलाफ वॉरंट पर रोक लगाई गई थी। श्रीवास्तव ने निचली अदालत की सुनवाई रोकने के लिए उच्च न्यायालय में अपील की थी। उच्च न्यायालय ने 25 मई को इस पर स्थगन बढाकर दो जुलाई कर दिया है। आयकर विभाग ने 13 फरवरी को कंपनी और उसके निदेशको सुब्रत रॉय, जे बी रॉय, ओ पी श्रीवास्तव तथा रनोज दास गुप्ता के खिलाफ कंपनी द्वारा 2013-14 के लिए आयकर रिटर्न नहीं जमा कराने के मामले में अदालत में शिकायत दर्ज की थी। उनके खिलाफ आयकर कानून की धारा 276 के तहत मामला दायर किया गया था। यह धारा तय समय में आयकर रिटर्न नहीं जमा कराने से संबंधित है।

अदालत ने इससे पहले शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पांचों आरोपियों को समन जारी कर उपस्थित होने को कहा था। आयकर रिटर्न शिकायत दर्ज होने के समय तक जमा नहीं कराया गया था और अदालत ने उसका संज्ञान लिया। आयकर विभाग की शिकायत में कहा गया था कि कंपनी व उसके निदेशकों को कई नोटिस जारी किए गए। अपने पत्र में आरोपियों ने रिटर्न जमा कराने के लिए और समय मांगा। और समय दिए जाने के बावजूद भी उन्होंने रिटर्न जमा नहीं कराया।