"इस्पात क्षेत्र मे 12 करोड रूपए के निवेश की जरूरत"
Source : business.khaskhabar.com | Jun 30, 2014 | 

नई दिल्ली। इस्पात मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि इस्पात क्षेत्र में 2030 तक 12 लाख करोड रूपए के निवेश की जरूरत होगी ताकि देश की स्थापित क्षमता को तिगुना कर 30 करोड टन सालाना किया जा सके। इस्पात सचिव जी. मोहन कुमार ने प्रधानमंत्री के समक्ष रविवार को एक प्रस्तुति में कहा कि क्षमता बढाने के लिए झारखंड व ओडिशा जैसे पूर्वी राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अगले पांच साल में पूर्वी राज्यों में 16 नये इस्पात कारखाने लगेंगे जिससे 4.2 करोड टन सालाना की अतिरिक्त क्षमता आएगी। इसके बाद के पांच साल में 4.5 करोड टन सालना की अतिरिक्त क्षमता जुटाई जाएगी जबकि अब से 10-15 साल में 7.3 करोड टन नई क्षमता सृजित होगी। कुमार ने कहा कि ओडिशा में छह, झारखंड में पांच, छत्तीसगढ में चार तथा पश्चिम बंगाल में एक नया कारखाना लग सकता है। इनमें कुल मिलाकर 8.92 लाख करोड रूपए का निवेश होगा।
बाकी कारखाने देश के अन्य हिस्सों में लग सकते हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में इस्पात मंत्री भी मौजूद थे। भारत की इस्पात उत्पादन क्षमता इस समय लगभग 10 करोड टन सालाना है जो चार साल पहले 7.5 करोड टन थी। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बडा इस्पात उत्पादक बन सकता था लेकिन आर्थिक मोर्चे पर नरमी, खपत में कमी ने उत्पादन में वृद्धि को थाम लिया। बीते चार साल से भारत चौथा सबसे बडा इस्पात उत्पादक बना हुआ है।