चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृदि्ध दर 7.5 फीसदी पहुंची, पीछे छूटा चीन
Source : business.khaskhabar.com | May 30, 2015 | 

नई दिल्ली। भारत इस वर्ष जनवरी-मार्च तिमाही में 7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल कर चीन को पीछे छोडते हुये दुनिया की सबसे तेजी से बढने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि यह निश्चित रूप से साबित करता है कि अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है। इससे पहले तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में आर्थिक वृद्धि 6.6 प्रतिशत थी। वर्ष 2014-15 में पूरे साल की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही जबकि इससे पिछले साल यह 6.9 प्रतिशत थी। इस दौरान विनिर्माण और सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा। जेटली ने कहा कि चौथी तिमाही का जीडीपी आंकडा हमें दिखाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था किस तरह बढ रही है।
यह बिल्कुल साफ है कि हमारी अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है।" वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों ने आर्थिक वृद्धि में आये सुधार पर प्रसन्नता जाहिर की है लेकिन साथ ही कहा है कि निवेशकों की धारणा में सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक क्षमता पाने के लिये जमीनी स्तर पर और प्रयास होने चाहिये। वित्त सचिव राजीव महर्षि ने कहा है कि विनिर्माण क्षेत्र में सुधार से पता चलता है कि रोजगार के अवसर बढ रहे हैं। उद्योग मंडलों ने इस बीच ब्याज दरों में और कटौती की मांग की है। उन्होंने रिजर्व बैंक से कहा है कि 2 जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती होनी चाहिये। "मुद्रास्फीति जो कि बडी चिंता बनी हुई थी अब उतार पर है। हमें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.50 प्रतिशत तक कटौती करेगा।"
केन्द्रीय साख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने इसके साथ ही पिछले वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के आंकडों में भी संशोधन किया है। वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही का आंकडा 6.5 प्रतिशत से सुधार कर 6.7 प्रतिशत, दूसरी तिमाही का 8.2 प्रतिशत से बढाकर 8.4 प्रतिशत और तीसरी तिमाही का आंक़डा 7.5 से संशोधित कर 6.6 प्रतिशत कर दिया।
केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के आज जारी आंकडों में आर्थिक गतिविधियों को मापने की नई अवधारणा सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के मुताबिक वर्ष 2014-15 में यह 7.2 प्रतिशत बढा जबकि पिछले वर्ष इसमें 6.6 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान जीवीए के मुताबिक आर्थिक वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही। एक साल पहले इसी अवधि में यह 5.3 प्रतिशत रही थी। विनिर्माण क्षेख में वर्ष की आखिरी तिमाही में वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इस क्षेत्र में यह 4.4 प्रतिशत थी। सेवा क्षेत्र में चौथी तिमाही में बेहतर वृद्धि रही।