जीडीपी में वृद्धि पर कई बडी कंपनियों का घटा मुनाफा
Source : business.khaskhabar.com | Jun 01, 2015 | 

नई दिल्ली। जीडीपी में बढोतरी के बीच महिंद्रा एंड महिंद्रा, सिप्ला व सन फार्मा जैसी निजी बडी कंपनियों तथा एनटीपीसी, सेल व आईओसी जैसी सार्वजनिक दिग्गज कंपनियों के त्रैमासिक मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई। बढती लागत व कमजोर मांग के बीच अन्य कंपनियों के वित्तीय परिणाम इससे भी खराब रहने का अनुमान है।
एनएमडीसी व कोल इंडिया सहित अनेक कंपनियों के लिए जनवरी मार्च तिमाही आय के लिहाज से खराब रही। कमोबेश यही हालत निजी क्षेत्र की हिंडाल्को, वाकहार्ट, ओमेक्स, यूनाइटेड ब्रेवरेजज व बजाज हिंदुस्तान के लिए रही। इन कंपनियों के त्रैमासिक परिणाम ऎसे समय में आ रहे हैं जबकि भारत की जीडीपी वृद्धि दर मार्च तिमाही में 7.5 प्रतिशत रही और यह चीन को पछाडकर दुनिया की सबसे तेजी से बढती अर्थव्यवस्था बन गया है।
हालांकि बीती तिमाही के लिए वृद्धि दर के आंकडों में संशोधन के बाद कमी किए जाने पर अनेक अर्थशाçस्त्रयों ने चिंता जताई है। इसके अलावा कृषि भी अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के लिए बेमौसमी बारिश के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पडा और उसका प्रमुख ट्रैक्टर कारोबार प्रभावित हुआ। एस्कार्टस लिमिटेड के लिए भी यही मामला रहा। इसी तरह 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में सन फार्मा का शुद्ध लाभ लगभग 45 प्रतिशत टूटकर 888 करोड रूपए रह गया।
दवा कंपनी सिप्ला का एकीकृत शुद्ध लाभ इस तिमाही में 259.66 करोड रूपए पर स्थिर रहा। यूनिटेक ने चौथी तिमाही में 162.54 करोड रूपए के शुद्ध घाटे की सूचना दी है। यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा ने कहा, "रीयल इस्टेट क्षेत्र में मंदी अनुमान से भी लंबी चली है। भले ही कुछ खंडों व देश के भागों में सुधार हो रहा लेकिन समूचे क्षेत्र में व्यापक व सतत सुधार का इंतजार है।" सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी का शुद्ध लाभ आलोच्य तिमाही में पांच प्रतिशत घटकर 2944.03 करोड रूपए रह गया।
सेल का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 26 प्रतिशत घटकर 334 करोड रूपए रह गया। वहीं इंडियन आयल कारपोरेशन के शुद्ध लाभ में भी अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई। रिलायंस सिक्युरिटीज के अनुसंधान प्रमुख हितेश अग्रवाल ने कहा, "हाल ही में संपन्न चौथी तिमाही में आय के आंकडों से आर्थिक सुधार कमजोर रहने का संकेत मिलता है और वित्त वर्ष 2016 की पहली छमाही चुनौतीपूर्ण रह सकती है।"