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थोक महंगाई दर 6 माह में सबसे कम,ब्याज दरें घटने की आस!

Source : business.khaskhabar.com | May 14, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 wholesale inflation rate lowest of six months,rate cut expectedनई दिल्ली। देश की थोक महंगाई दर अप्रैल में विगत छह महीने में न्यूनतम नकारात्मक स्तर यानी 2.65 फीसदी रही, जो मार्च में नकारात्मक 2.33 फीसदी थी। ताजा दर से भारतीय रिजर्व बैंक को मौद्रिक नीति में थोडी और नरमी लाने की सुविधा मिल गई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर अप्रैल 2014 में 5.5 फीसदी थी। उपभोक्ता महंगाई दर भी अप्रैल में घटकर 4.87 फीसदी दर्ज की गई।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकडों के मुताबिक थोक महंगाई दर में इस गिरावट का प्रमुख कारण खनिजों की कीमतों में 28.65 फीसदी गिरावट और ईंधन कीमतों में 13.03 फीसदी गिरावट है। खाद्य सूचकांक के अंतर्गत आलू इस दौरान 41.14 फीसदी सस्ता हुआ। इसी तरह सब्जियां 1.32 फीसदी सस्ती हुईं और चावल 0.04 फीसदी सस्ता हुआ। इस बीच प्याज 29.97 फीसदी महंगा हो गया। इसी तरह दाल 15.38 फीसदी, फल 14.22 फीसदी और दूध 7.42 फीसदी महंगा हो गया। इनकी वजह से खाद्य महंगाई दर अप्रैल में 5.73 फीसदी रही। कच्चे तेल मूल्य में गिरावट के कारण डीजल इस बीच 14.39 फीसदी सस्ता हो गया।

इसी तरह पेट्रोल 18.44 फीसदी तथा रसोई गैस 6.06 फीसदी सस्ता हुए। विनिर्मित वस्तुओं के सूचकांक में भी अप्रैल में 0.52 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। ताजा आंकडे से उद्योग जगत में मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य दरों में कटौती की उम्मीद बढ गई है। रिजर्व बैंक दो जून 2015 को मौद्रि नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, महंगाई दर के बेहतर परिदृश्य से भारतीय रिजर्व बैंक को आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में विकास परक नीति पर चलने की अधिक सुविधा मिली है। फिक्की की अध्यक्ष ज्योत्स्त्रा सूरी ने कहा, बेमौसम बारिश और मानसून के कमजोर रहने की संभावना के कारण महंगाई दर में थोडी वृद्धि की संभावना है।

एसोचैम ने कहा कि यद्यपि थोक महंगाई दर में कमी से उपभोक्ताओं को खुशी मिल सकती है, लेकिन इसमें लगातार कमी विनिर्माण क्षेत्र के लिए कुछ चिंता पैदा कर सकती है। लंबे समय तक विनिर्माण क्षेत्र की महंगाई दर में लगातार गिरावट से क्षेत्र की मूल्य निर्धारण करने की शक्ति कमजोर होगी। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने रिजर्व बैंक से आगामी समीक्षा में मुख्य दरों में कम से कम 50 आधार अंकों की कटौती की अपील की है।