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बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों, चना को नुकसान : वैज्ञानिक

Source : business.khaskhabar.com | Mar 07, 2020 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 unseasonal rain hail damage to wheat mustard gram crops 432961नई दिल्ली। देश के विभिन्न इलाकों खासतौर से उत्तर भारत में हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों को नुकसान हो सकता है। दक्षिण हरियाणा में गुरुवार को हुई ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर), करनाल के निदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने आईएएनएस को बताया कि बेमौसम बरसात और तेज हवा चलने से गेहूं की खड़ी फसल गिर जाएगी जिससे फसल की पैदावार पर असर पड़ेगा।

उन्होंने बताया कि अब तक सिर्फ हरियाणा से गेहूं की फसल को नुकसान की रिपोर्ट मिल रही है, लेकिन फसल परिपक्व हो चुकी है इसलिए जहां कहीं भी इस समय ओलावृष्टि होगी या तेज हवा के कारण खड़ी फसल खेतों में गिर जाएगी वहां नुकसान जरूर होगा।

हरियाणा सरकार में संयुक्त निदेशक जगराज दांडी ने आईएएनएस को बताया कि गेहूं से ज्यादा सरसों की फसल को नुकसान है। उन्होंने बताया कि महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक समेत कई जिलों में गेहूं और सरसों की फसल खराब होने की रिपोर्ट मिल रही है।

फसल को कितना नुकसान हुआ है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में फिलहाल कोई आंकड़ा नहीं बताया जा सकता है। इस संबंध में जब गिरदावरी होगी और उसकी रिपोर्ट आएगी तभी पता चल पाएगा।

उधर, किसान संगठनों ने हरियाणा सरकार से प्रदेश में ओलावृष्टि और बरसात से फसल को हुए नुकसान की गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक चना और सरसों को गेहूं से ज्यादा नुकसान हुआ है।

एक अन्य कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि इस समय चना और सरसों की फसल पूरी तरह पककर तैयार है, बल्कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चने की फसल तैयार होकर बाजार में आने लगी है। उन्होंने कहा कि सरसों की फसल को तो बेमौसम बरसात से भारी नुकसान होगा, वहीं चना की फसल पर भी असर पड़ेगा।

पश्चिमी विक्षोभ से उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में बेमौसम बरसारत और ओलावृष्टि हुर्ह है। स्काइमेट के अनुसार, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी हुई। उत्तराखंड और लद्दाख में भी कुछ स्थानों पर वर्षा और हिमपात दर्ज किया गया है।

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि के साथ-साथ तेज वर्षा हुई है।

ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी मध्यम बारिश और बादलों की गर्जना के साथ ओलावृष्टि देखने को मिलीं। छत्तीसगढ़ और बिहार में भी कुछ स्थानों पर वर्षा हुई है।

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि गेहूं ओलावृष्टि और तेज हवा के कारण गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है, हालांकि फिलहाल ज्यादा नुकसान की रिपोर्ट नहीं है और उनको अभी भी उम्मीद है कि इस देश में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होगा।

बता दें कि पिछले महीने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी फसल वर्ष 2019-20 के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में गेहूं का रिकॉर्ड 10.62 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, चना का उत्पादन 112.2 लाख टन और सरसों का 91.10 लाख टन होने का अनुमान है।
(आईएएनएस)

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