यूके-भारत FTA का धमाका : लग्जरी कार बाजार में कीमतों की सुनामी
Source : business.khaskhabar.com | May 08, 2025 | 
नईदिल्ली। भारत का लग्जरी कार बाजार अब तक ऊंची आयात ड्यूटी के बोझ तले दबा हुआ था, लेकिन यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के ऐलान ने इस सेगमेंट में भूचाल ला दिया है। अब तक 100% से भी ज़्यादा इम्पोर्ट ड्यूटी झेल रही ब्रिटिश लग्जरी गाड़ियां, जैसे रॉल्स-रॉयस और रेंज रोवर, अब भारतीय खरीदारों की पहुंच में आने वाली हैं। इस ऐतिहासिक डील के तहत, यूके में बनी कारों पर आयात शुल्क घटकर मात्र 10% रह जाएगा!
यह खबर लग्जरी कार बाजार के लिए किसी क्रांतिकारी बदलाव से कम नहीं है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री किअर स्टारमर और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संयुक्त ऐलान से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में एक नया अध्याय शुरू होगा। तीन साल की लंबी बातचीत के बाद यह समझौता मूर्त रूप ले सका है, जिसका सीधा फायदा भारतीय ग्राहकों के साथ-साथ ब्रिटिश कार कंपनियों को भी मिलेगा।
समझौते के तहत एक कोटा सिस्टम लागू होगा, जिसके तहत सीमित संख्या में यूके-निर्मित कारों पर सिर्फ 10% शुल्क लगेगा। इसका मतलब है कि जगुआर लैंड रोवर, एस्टन मार्टिन और बेंटले जैसे हाई-एंड ब्रांड्स की कीमतें सीधे तौर पर धराशायी हो जाएंगी।
अगर पूरी टैरिफ कटौती ग्राहकों तक पहुंचाई जाती है, तो कीमतों में जो संभावित बदलाव देखने को मिल सकते हैं, वो चौंकाने वाले हैं।
उदाहरण के लिए, 1.45 करोड़ रुपये की रेंज रोवर स्पोर्ट अब सिर्फ 80 लाख रुपये के आसपास मिल सकती है! इसी तरह, 8.85 करोड़ की एस्टन मार्टिन वैंक्विश लगभग 4.86 करोड़ रुपये और 6.95 करोड़ की रॉल्स-रॉयस कलिनन 3.82 करोड़ रुपये के आसपास बिक सकती है। 4.10 करोड़ की बेंटले बेंटायगा की कीमत भी घटकर 2.25 करोड़ रुपये तक आ सकती है। हालांकि, राज्य कर और ब्रांड की नीतियों के चलते अंतिम कीमतों में थोड़ा फर्क संभव है।
इस व्यापार समझौते का दूरगामी असर होगा। एक तरफ जहां भारतीय बाजार में ब्रिटिश कारें ज़्यादा प्रतिस्पर्धी होंगी, वहीं दूसरी तरफ यूके के कार निर्माताओं को भारत जैसे तेज़ी से बढ़ते बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। 2024 में ही यूके ने भारत को लगभग ₹650 करोड़ की कारें और ₹1,150 करोड़ के ऑटो पार्ट्स बेचे थे।
इस समझौते से इन आंकड़ों में कई गुना बढ़ोतरी की उम्मीद है। अब बस दोनों देशों की संसद से मंजूरी मिलना बाकी है, जो अगले एक साल में हो सकती है। लेकिन इतना तय है कि भारतीय लग्जरी कार खरीदारों के लिए अब यह सिर्फ एक सपना नहीं रहने वाला, बल्कि एक हकीकत बनने की राह पर है! यह डील भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
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