अलीगढ में थाई मांगुर मछलियों की बिक्री रोकी
Source : business.khaskhabar.com | Feb 16, 2015 | 

अलीगढ। उत्तर प्रदेश के अलीगढ जनपद में थाई मांगुर एवं बिगहेड मछलियों के पालन एवं बिRी पर धारा-144 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। एडीएम-प्रशासन संजय चौहान ने बताया कि सहायक निदेशक- मत्स्य डॉ महेश चौहान की रिपोर्ट के अनुसार जनपदीय नदी जलाशयों एवं जलधाराओं में थाई मांगुर एवं बिगहेड मछलियों का पालन एवं आयात निर्यात पर रोक लगाया जाना आवश्यक है। थाई मांगुर व बिगहेड मछलियों की ग्रामसभा या निजी तालाबों में पालन-संर्वधन नहीं किया जाएगा। साथ ही कोई भी व्यक्ति या संस्था अलीगढ जनपद की सीमा में ऎसी मछलियों का भंडारण, आयात-निर्यात तथा बिRी नहीं कर सकेगा।
थाई मांगुर व बिगहेड मछलियां प्राकृतिक जलीय संपदा एवं पर्यावरण के लिए अत्यंत घातक हैं। जनपद की सीमा में बहने वाली नदियों में इन मछलियों के पहुंचने से मत्स्य संपदा को क्षति पहुंचने की प्रबल संभावना है। इससे पर्यावरण में जहां असंतुलन पैदा होगा, वहीं दूसरी ओर जनस्वास्थ्य को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। मत्स्य वैज्ञानिकों के अनुसार यदि इस मछली के पालन को नियंत्रित या प्रतिबंधित नहीं किया गया तो कई एक पानी के पौधे व जल जीव इस धरती से लुप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन विदेशी मछलियों के कारण प्रदेश मे अल्सरेटिव फिश सिंड्रोम की बीमारी का प्रकोप बढा है, साथ ही दूषित मांस इन मछलियों को खिलाए जाने से आस-पास का वातारण प्रदूषित होता है।