स्पाइसजेट पर 10 लाख रूपए हर्जाना
Source : business.khaskhabar.com | May 13, 2016 | 

स्पाइसजेट को देना होगा 10 लाख रूपये हर्जाना
नई दिल्ली। देश भर में निशक्त (डिसएबल्ड) लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने
गहरी चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में एक निशक्तजन अधिकार
कार्यकर्ता को विमान से नीचे उतारने के मामले में स्पाइस जेट को दो माह में
दस लाख रूपये का मुआवजा देने के आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी किताब नो पिटी का जिक्र किया जिसमें कहा गया है
कि-वह अमेरिकन जो निशक्त नहीं है, किसी निशक्त व्यक्ति की समस्या को नहीं
समझ सकता। लेकिन यह बात पूरी दुनिया पर लागू होती है। भारत में निशक्त जन
को लेकर कई कानून हैं और कई मानवाधिकार संस्थाएं काम कर रही हैं लेकिन अब
भी इसको लेकर काफी सुधार की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निशक्त लोगों को भी वही अधिकार हैं जो सामान्य
लोगों को हैं, लेकिन ज्यादातर सामान्य लोगों को लगता है कि वे बोझ हैं और
कुछ कर नहीं सकते। जबकि हकीकत यह है कि निशक्त होने के बावजूद वे अपनी
जिंदगी जीते हैं और किसी पर बोझ नहीं बनते। उन्हें भी आम लोगों की तरह अपना
जीवन गौरवपूर्ण तरीके से जीने का हक है। जीजा घोष इसी का उदाहरण हैं कि
डिसेबल होते हुए भी वे एक्टिविस्ट के तौर पर काम कर रही हैं।
ये था मामला...
19 फरवरी 2012 को निशक्त,एक्टिविस्ट जीजा घोष कोलकाता से गोवा एक कांफ्रेंस
में हिस्सा लेने जा रही थीं। वे स्पाइस जेट के विमान में सवार हुईं लेकिन
उडान भरने से पहले उन्हें विमान से उतार दिया गया। बाद में उन्हें पता चला
कि कैप्टन ने निशक्त होने की वजह से उन्हें विमान से उतारने के निर्देश दिए
थे। इसकी वजह से वे कांफ्रेंस में भाग नहीं ले पाईं और उन्हें मानसिक रूप
से आघात पहुंचा।
स्पाइसजेट ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि जीजा ने नियमों का पालन नहीं
किया था। टिकट बुकिंग के वक्त ही यात्री को बताना चाहिए कि वह निशक्त है
लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए सुझाव...
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वैसे तो निशक्त के लिए कमेटी ने
अपनी सिफारिशें दी हैं लेकिन कोर्ट को लगता है कि इसमें सुधार की जरूरत है।
कोर्ट की राय है कि सरकार को सभी हवाई अड्डों पर निशक्त लोगों के लिए तमाम
आधुनिक और स्टेंडर्ड सामान लगाना चाहिए। इसके अलावा व्हील चेयर को विमान
के भीतर भी जाने की अनुमति मिलनी चाहिए। इसके अलावा क्रू को भी सही
ट्रेनिंग देनी चाहिए।